बोधाडीह में विकास कार्यो की दरकार
तहसील मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर दुर्गम पहाड़ियों व कनहर नदी के किनारे आबाद विकास खंड का बोधाडीह ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को आजतक गांव के विकास का बोध तक नहीं हो सका है।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र): तहसील मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर दुर्गम पहाड़ियों व कनहर नदी के किनारे आबाद विकास खंड का बोधाडीह ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को अब तक गांव के विकास का बोध तक नहीं हो सका है। गांव में विकास की एक किरण नहीं पहुंची है। तीन टोले ढरनवा, बोधाडीह व औराडाढ़ में विभाजित इस ग्राम पंचायत की आबादी लगभग तीन हजार है। दो जूनियर हाईस्कूल व तीन प्राथमिक विद्यालय होने के बावजूद अक्सर बच्चे माता-पिता के साथ जंगल में टहनियों को बटोरने में लगे रहते हैं। गांव को स्वच्छ रखने के लिए चार सफाई कर्मी नियुक्त हैं किंतु गांव में सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। गांव के संपर्क मार्ग की स्थिति बहुत ही खराब है तो स्वास्थ्य की स्थिति भी बद से बदतर है। यदि कोई बीमार होता है तो एंबुलेंस को पहुंचने में दो घंटे से अधिक का समय लग जाता है। सभी जगहों तक उसके पहुंचने की संभावना भी नहीं रहती। कारण कि कई घरों तक जाने के लिए पहाड़ी व पगडंडियों का ही सहारा मात्र है। ¨सचाई की भी नहीं है समुचित व्यवस्था
गांव में ¨सचाई की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। भक्तिनिया टोले में बना चेकडैम गत कई साल से टूटा हुआ है। राबर्ट्सगंज और दुद्धी विधानसभा की सीमा पर स्थित इस गांव का गत दिनों दौरा करने पहुंचे भाजपा नेता एवं डीसीएफ चेयरमैन सुरेंद्र अग्रहरि को ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से अवगत तो कराया,किन्तु सत्ताधारी दल के नेता भी ग्रामीणों को कोरा आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं दे पाये। भाजपा नेता ने ग्राम प्रधान भागीरथी गोड़ से कहा कि यहां की समस्याओं को लेकर वे शीघ्र जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें इससे अवगत कराएं। वे सीएसआर या अन्य मद से गांव के विकास का काम कराएंगे।