सिलेंडर की होम डिलेवरी के नाम पर लाखों का खेल!
एक तरफ शासन उज्ज्वला योजना के तहत हर गरीब को गैस कनेक्शन बांट रही, ताकि धुएं से मुक्ति मिले और हर घर में गैस सिलेंडर पर ही खाना बने। लेकिन जिले के कुछ एजेंसी संचालकों की मनमानी के कारण उपभोक्ता सिलेंडर भरवाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाते हैं। इतना ही नहीं उनकी जेब ढीली होने के बावजूद सिलेंडर नहीं मिलता। हद तो तब होती है जब कई बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदारी अधिकारी इस मामले में मौन साधे रहते हैं। एजेंसी संचालक हर महीने होम डिलेवरी के नाम पर लाखों रुपये का खेल करते हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : एक तरफ शासन उज्ज्वला योजना के तहत हर गरीब को गैस कनेक्शन बांट रहा, ताकि धुएं से मुक्ति मिले और हर घर में गैस सिलेंडर पर ही खाना बने। लेकिन जिले के कुछ एजेंसी संचालकों की मनमानी के कारण उपभोक्ता सिलेंडर भरवाने के लिए दर-दर की ठोंकरे खा रहे हैं। इतना ही नहीं उनकी जेब ढीली होने के बावजूद सिलेंडर नहीं मिलता। हद तो तब होती है जब कई बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदारी अधिकारी इस मामले में मौन साधे रहते हैं। ऐसे में एजेंसी संचालक हर महीने होम डिलेवरी के नाम पर लाखों रुपये का खेल करते हैं।
आदिवासी बहुल इस जनपद में कुल 24 गैस एजेंसियों का संचालन किया जाता है। इसमें कहीं ¨हदुस्तान पेट्रोलियम की तो कहीं इंडेन की गैस एजेंसी है। जहां से करीब दो लाख उपभोक्ता जुड़े हैं। सूत्रों की मानें तो उज्ज्वला योजना के तहत एक लाख 32 हजार उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया। बाकी करीब 70 हजार से अधिक उपभोक्ता पहले से ही या फिर सामान्य तरीके से कनेक्शन लिये हैं। इन सभी को घर तक सिलेंडर पहुंचाने के लिए एजेंसी संचालकों द्वारा 19.50 रुपये प्रति सिलेंडर चार्ज लिया जाता है। दावा तो हर जगह घर तक सिलेंडर पहुंचाने का होता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जानें कैसे होता है खेल
राबर्ट्सगंज नगर के रहने वाले सुरेश कुमार एक एजेंसी से कनेक्शन लिए हुए हैं। हर महीने वे एक सिलेंडर भरवाते हैं। जब रसीद कटवाते हैं तो उनकी पर्ची पर 904 रुपये लिखा होता है। सूत्रों की मानें तो इस 904 रुपये में 19.50 रुपये होम डिलेवरी चार्ज जुड़ा होता है। यानि यह चार्ज एजेंसी इसलिए लेती है कि उसके घर तक सिलेंडर पहुंचाया जायेगा। जिसे मिल गया तो ठीक नहीं तो सिलेंडर के लिए गाड़ी के पीछे-पीछे चक्कर लगाना पड़ता है। इतना ही नहीं इसके बाद सेल्समैनों द्वारा फुटकर पैसा न होने की बात कहकर 910 रुपये भी ले लिया जाता है। शिकायतों के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
गैस सिलेंडर की होम डिलेवरी के नाम होने वाले खेल की शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। सूत्रों की मानें तो करीब एक साल पहले होम डिलेवरी के नाम पर पैसा लेने व डिलेवरी कायदे से न करने वाली जिले की 12 गैस एजेंसियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिले से इंडियन आयल के अधिकारियों को लिखा गया था। बावजूद इसके उन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं राबर्ट्सगंज के एक एजेंसी संचालक द्वारा डिलेवरी न करने व एक स्थान पर लाइन लगवाकर सिलेंडर बांटने को लेकर हंगामा किया गया। उपभोक्ताओं ने सड़क जाम किया। इसकी शिकायत आपूर्ति विभाग व इंडियन आयल के अधिकारियों से भी हुई लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक खानापूर्ति ही है।
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बोले अधिकारी..
गैस सिलेंडर की होम डिलेवरी की शिकायत जहां-जहां की है उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। पर्ची में जो कीमत लिखी हुई होती है उपभोक्ता उसे ही दें। अधिक पैसे की मांग करने वाले की शिकायत करें।
- प्रभात कुमार, सेल्स आफिसर- इंडियन आयल कारपोरेशन
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जिले में कुल एजेंसी : 24
उज्ज्वला योजना के लाभार्थी : 132000
सामान्य उपभोक्ता : 70 हजार
जिले में कुल उपभोक्ताओं की संख्या : 200000