आकर्षक परिधानों से सजे बाजार, खरीदार उत्साहित
आनलाइन बाजार से जहां ग्राहकों को फायदा पहुंच रहा है वहीं छोटे व मध्यम कपड़ा व्यापारी वर्ग को काफी नुकसान भी हो रहा है। जिले में एक अनुमान के अनुसार दीपावली में कपड़ा व्यापार आनलाइन मार्केट के चलते कम हो गया है। उपभोक्तावाद के नए युग में आनलाइन बाजार लोगों के घरों में अपनी पैठ बना चुका है इसके बाद भी ग्राहकों का कपड़ा बाजार पर भरोसा कायम है। रोजमर्रा की जरूरत हो या फिर शादी व त्यौहार आजकल का युवा आनलाइ
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : आर्थिक मंदी से गुजर रहे भारतीय बाजारों को दीपावली का अवसर उबारने वाला होगा है। यहां त्योहारों को बड़े उत्साह से मनाने की परंपरा रही है। ये सोच बाजार में तेजी लाती है। मुद्रा का प्रचलन बढ़ता है। ये वातावरण जनपद के बाजारों में अब दिखने भी लगा है। ग्राहकों में उत्साह है। चूंकि बाजार का ट्रेंड लगातार बदल रहा है। ऐसे में ऑनलाइन का दायरा बहुत तेजी से बढ़ा है। इसमें जनपद का बाजार खासकर कपड़ा व्यापार भी प्रभावित हुआ है। फिर भी पारंपरिक ढंग से बाजार करने की सोच ने देर से सही दुकानों पर जाकर खरीदारी में तेजी आई है। दीपावली और उसके बाद छठ पर्व को देखते हुए दुकानों पर विभिन्न प्रकार के फैंसी ड्रेसेज ग्राहकों को लुभा रहे हैं। इसमें स्थानीय से लेकर बड़े ब्रांड के कपड़ों की मांग लगातार बढ़ती भी जा रही है।
कपड़ा दुकानों पर विश्वास कायम
भले ही नामी-गिरामी कंपनियां परिधानों की ऑनलाइन बिक्री में उतर आई हों, इसके बाद भी लोगों का विश्वास कीमत और गुणवत्ता को लेकर अभी भी बाजार में कपड़े के शोरूम और दुकानों पर बना हुआ है। दरअसल, दीपावली के लिए कपड़ों की खरीदारी शुरू हो गई है। इसे देखते हुए कारोबारियों ने ब्रांडेड और नान ब्रांडेड कंपनियों के अलग-अलग रेंज में सिले हुए कपड़े मंगाए हैं। बेहतर खरीदारी की बदौलत इस दीपावली पर कपड़ा बाजार करोड़ों रुपए का कारोबार होने की उम्मीद लगाया है। शोरूम संचालकों ने इस बार लोगों की खरीदारी की क्षमता और पसंद के अनुसार ही बच्चों, पुरुषों और महिलाओं के कपड़े मंगाए हैं। नान ब्रांडेड कपड़ों के अलावा ब्रांडेड में लोकल ब्रांड, नेशनल ब्रांड और इंटरनेशनल ब्रांड के सिले-सिलाए परिधान शामिल हैं। बच्चों के लिए फैंसी कपड़े
बच्चों के लिए उनकी उम्र के अनुसार फैंसी कपड़े भी हैं तो सादा सिले हुए वस्त्र भी हैं। त्योहार और शादियों के लिए फैंसी कपड़ों में कमीज, हाफ पैंट और फुल पैंट की रेंज 500 से लेकर 2000 रुपए तक है। कारोबारियों के अनुसार बच्चों के कैपरी, फैंसी फ्राक, लेगीज एवं टाप अधिक बिक रहे हैं। कुछ दुकानदारों ने इंडोवेस्टर्न, वूलन, पार्टी वियर, कैजुअल वियर, पठानी कपड़े भी मंगाए हैं। सलवार सूट व साड़ियों पर अलग-अलग छूट
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सामान कीमत
सलवार सूट - 500 से 3000 रुपये तक
लहंगा-चुनरी - 2000 से 25000 रुपए तक
सिथेटिक साड़ियां - 250 से 2500 रुपए तक
वहीं जयपुर-कलकत्ता की वर्क वाली साड़ियों की कीमत हजारों में है। सिल्क व काटन की साड़ियां भी महिलाओं को खूब रिझा रही है। प्रतिक्रिया
- जीएसटी व ऑनलाइन शापिग की वजह से पहले की तुलना में दुकानदारी काफी प्रभावित हुआ है। बावजूद इसके दीपावली पर ग्राहकों की संख्या बढ़ी है। ग्रामीण इलाकों के ग्राहक अभी भी दुकानों के सामान पर ही विश्वास रखते हैं।
- सुरेंद्र कुमार गर्ग, गर्ग क्लाथ स्टोर। - पहले की तुलना में इस समय बाजार में वैसे भीड़ नहीं है। बावजूद इसके उम्मीद है कि दीपावली के और नजदीक आने से स्थिति में सुधार होगा। ऑनलाइन शापिग व जीएसटी का असर जरूर है इस बार।
- दिलीप कुमार, कपड़ा व्यापारी। - हम तो कहते हैं कि आन लाइन बाजार को बंद कर देना चाहिए, ताकी मंदी की मार से आमजन दो-चार न हो। दीपावली का इंतजार हम लोग साल भर करते हैं। इस बार पहले जैसी स्थिति नहीं है लेकिन, अभी समय है अच्छा होगा।
- प्रदीप कुमार, कपड़ा व्यापारी। - निश्चित रूप से पहले की तुलना में कपड़ा व्यापार पर असर पड़ा है। छूट व विश्वास पर आज भी दुकानें शत-प्रतिशत खरा उतरतीं है, इसलिए ग्राहक अब धीरे-धीरे दुकानों की तरफ आना शुरू कर दिया है। धनतेरस तक स्थिति में सुधार होगा।
- शिव कुमार, कपड़ा व्यापारी।