मानवता के अग्रदूत थे महाकालेश्वर औघड़ संत कीनाराम
मानवता के अग्रदूत थे महाकालेश्वर औघड़ संत कीनाराम
मानवता के अग्रदूत थे महाकालेश्वर औघड़ संत कीनाराम
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : लोढ़ी स्थित संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरुवार को संत कीनाराम का 423 वां प्रकाट्य दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान उनके जीवन मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए उनके संदेशों का अनुसरण करने पर बल दिया गया। पीजी कालेज के निदेशक डा. गोपाल सिंह ने कहा कि बाबा कीनाराम मावनता के अग्रदूत थे। भारत ऋषि मुनियों, योगियों, तपस्वियों, साधकों, संत महात्माओं का देश है।
जब-जब हमारा देश संक्रमण के दौर से गुजरा, संत महात्माओं की रहनुमाई में इंसान एवं इंसानियत की रक्षा की गई। ऐसे ही महात्मा संत कीनाराम भी रहे, जिन्होंने समाज में इंसानियत और मानवता का संदेश देकर लोगों के बीच में बढ़ रहें भेदभाव की खाई को पाटने का काम किया। कहा कि उनके नाम पर स्थापित यह शैक्षिक संस्था आदिवासी, वनवासी, पहाड़ी क्षेत्र में शिक्षा का बेहतर प्रचार प्रसार कर रही है।
चंदौली के रामगढ़ में सोलहवीं शताब्दी के प्रारंभ में जन्मे बाबा कीनाराम ने समाज में फैल रहे जातिवाद, भेदभाव, अशिक्षा आदि कुरीतियों के खिलाफ जमकर संघर्ष किया। पूरे देश में घूम-घूम कर मानवता का संदेश दिया। उनके योगदान को कभी भी कमतर कर नहीं आंका जा सकता। इस मौके पर डा. रविंद्र प्रसाद मौर्या, राम प्रवेश मौर्या, मनोज श्रीवास्तव, सुरज गुप्ता, प्रियम सिंह, निशा सिंह, सरोज सिंह, सुधा पांडेय, सीमा मौर्या आदि रहे।