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ओबरा-सी के ऐश पॉण्ड के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू

निर्माणाधीन 1320 मेगावाट क्षमता के ओबरा सी के ऐश पांड के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।पिछले दो माह से ग्राम पंचायत पनारी के विभिन्न टोलों में चल रहे सर्वे के बाद अब ग्रामीणों से आम सहमति की कवायद शुरू की गयी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 07:34 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 09:39 PM (IST)
ओबरा-सी के ऐश पॉण्ड के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू
ओबरा-सी के ऐश पॉण्ड के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू

जा संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : निर्माणाधीन 1320 मेगावाट क्षमता के ओबरा सी के ऐश पॉण्ड के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पिछले दो माह से ग्राम पंचायत पनारी के विभिन्न टोलों में चल रहे सर्वे के बाद अब ग्रामीणों से आम सहमति की कवायद शुरू की गई है। पनारी के गुरुड़ में सोमवार को ओबरा-सी तथा राजस्व विभाग द्वारा लगाए गए कैंप में ग्रामीणों से वार्ता कर भूमि अधिग्रहण को लेकर चर्चा की गयी।इस दौरान ग्रामीणों में मुआवजा नीति को लेकर उत्सुकता दिखाई पड़ी। ग्रामीणों ने अधिकारियों से अपनी आशंकाओं को बताया।

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उल्लेखनीय है कि इससे पहले ओबरा-सी का ऐश पॉण्ड परियोजना कालोनी के रेणुका नदी से सटे तटवर्ती हिस्सों में बनाया जा रहा था। इसके लिए समतलीकरण के साथ कालोनी के घरों को भी गिराया जा रहा था। लेकिन, नदी से 500 मीटर दूर ही ऐश पॉण्ड बनाने के एनजीटी के नियम के कारण ऐश पॉण्ड को रेणुकापार ले जाना पड़ा। इसके लिए हुए सर्वे में गुरुड़ टोले में ऐश पॉण्ड बनाने का निर्णय हुआ।

सोमवार को लगे कैंप में ऐश डैम से प्रभावित होने वाले ग्रामीणों से सीधी वार्ता की गयी।वार्ता में ग्रामीणों को सर्किल रेट के साथ वर्तमान मुआवजा नीति की जानकारी दी गई। वार्ता में तहसीलदार विकास पाण्डेय, ओबरा-सी के अधिशासी अभियंता इ.राजीव कुमार, सहायक अभियंता सिद्धार्थ ¨सह, अवर अभियंता दिनेश कुमार गुप्ता आदि शामिल रहे।

125 हेक्टेयर में बनेगा ऐश पॉण्ड

ओबरा-सी का ऐश पॉण्ड गुरुड़ में 125 हेक्टेयर में बनेगा। इसमें वन विभाग, ग्राम समाज और ग्रामीणों की भूमि का प्रयोग किया जाएगा। इसमें वन विभाग की 39 हेक्टेयर, ग्रामीणों की 50 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि शामिल है। ऐश पॉण्ड के चारो ओर 50 मीटर से ज्यादा की हरित पत्ती का विकास किया जाएगा। ग्रामीणों की भूमि के अधिग्रहण में प्रदेश सरकार के मुआवजा और पुनर्वास की नीति अपनाई जायेगी। इस नीति में ग्रामीणों को सर्किल रेट से कई गुना ज्यादा का भुगतान किया जाएगा।ओबरा-सी के अधिशासी अधिकारी इ.राजीव कुमार ने बताया कि अधिग्रहण के बाद भूमिहीन किसानों को प्रदेश सरकार की नीति के हिसाब से पुनस्र्थापित किया जाएगा। बताया कि आम सहमति के आधार पर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।


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