कैमूर वन्य क्षेत्र की पहचान ¨चकारा ही गायब!
सोनभद्र : वनों व उसमें पलते जीवों को लेकर कैमूर वन्य जीव प्रभाग मीरजापुर उदासीनता की सीमा लांघ गया है। अब यहां चिंकारों की स्थिति पहले जैसी नहीं रही। आलम यह है कि वह लुप्त हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वनों व उसमें पलते जीवों को लेकर कैमूर वन्य जीव प्रभाग मीरजापुर उदासीनता की सीमा लांघ गया है। वनों व उससे जुड़ी जानकारी की मांग पर अधिकारी की उदासीनता इस बात को पुष्ट कर रही है। जहां लगातार वन्य जीवों को लेकर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की शिकायतें वन्य जीव प्रेमियों से मिल रही हैं। यहां अब ¨चकारों की स्थिति पहले जैसी नहीं है। वर्तमान समय में एकाध दिखने वाले ¨चकारों की संख्या पर ही विभाग के अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
कैमूर वन्य जीव प्रभाग मीरजापुर का अधिकांश हिस्सा सोनभद्र जनपद के भू-भाग पर फैला हुआ है। इसका पूरा क्षेत्रफल 501 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें असंख्य जीवों का आसरा है। यह आज की नहीं बल्कि लाखों सालों की परंपरा की देन है। मगर वर्तमान समय में कैमूर वन्य जीव प्रभाग उस अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर है जिसके लिए वह जाना जाता रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि वन क्षेत्र में ¨चकारा की मौजूदा स्थिति से डीएफओ ओपी ¨सह अंजान हैं। उन्होंने बताया कि अभी मैं गुड़गांव में हूं और इस संबंध में मुझे कुछ भी बता नहीं सकता। वहीं इस विभाग के दूसरे अधिकारी से जब वन्य प्रभाग के मुख्य जीवों की जानकारी मांगी तो उन्होंने सिर्फ काले हिरण का नाम लिया। जबकि उत्तर प्रदेश वन विभाग की रिपोर्ट में भालू, तेंदुआ व ¨चकारा के नामों का जिक्र है। उसमें कहीं भी काले हिरण का नाम नहीं लिखा गया है। यानी ¨चकारा के मामले में विभाग के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। एक नजर में प्रदेश के वन्य जीव विहारों की स्थिति
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वन्य जीव विहार स्थल स्थापना मुख्य वन्य जीव
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चंबल इटावा-आगरा 1979 घड़ियाल, मगर, डालफिन
कतर्निया घाट बहराइच 1976 तेंदुआ, शेर
रानीपुर बांदा 1977 तेंदुआ, काला हिरण, ¨चकारा
महावीर स्वामी ललितपुर 1977 तेंदुआ, काला हिरण, ¨चकारा
चंद्रप्रभा चंदौली 1957 भालू, तेंदूआ, ¨चकारा
किशनपुर लखीमपुर 1972 बारा¨सहा, शेर, चीतल
कैमूर मीरजापुर-सोनभद्र 1982 भालू, तेंदुआ, ¨चकारा
हस्तिनापुर मुजफ्फरपुर 1986 बारा¨सहा
सोहागीबरवा महाराजगंज 1987 चीतल, शेर
सोहेलवा गोंडा-बलरामपुर 1988 चीतल, शेर
कछुआ वाराणसी 1989 कछुआ