टीबी रोगियों की पड़ताल शुरू, होगा उपचार
पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले में 10 अक्टूबर से सक्रिय टीबी रोगी खोजने का अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर मरीजों की जांच करेगी और टीबी का रोग पुष्टि होने पर उनका उपचार सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क कराया जाएगा।
जासं, सोनभद्र : पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले में 10 अक्टूबर से सक्रिय टीबी रोगी खोजने का अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर मरीजों की जांच करेगी और टीबी का रोग पुष्टि होने पर उनका उपचार सरकारी अस्पताल में मुफ्त कराया जाएगा।
टीबी रोगी खोजी अभियान के बारे में जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीके अग्रवाल ने बताया कि अभियान में 85 टीमें बनाई गई है। एक टीम में पांच सदस्य शामिल होंगे। 17 सुपरवाइजर की देखरेख में 255 स्वास्थ्य कर्मी गांव में घर-घर जाकर मरीजों की तलाश करेंगे। उन्होंने बताया कि 43,812 घरों को जांच करने तथा दो लाख 39 हजार साठ व्यक्तियों की स्क्रीनिग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य टीम टीबी रोग के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए उन्हें इसके प्रति जागरूक करेगी। इस खोजी अभियान में स्वास्थ्य कर्मी लोगों को साफ-सफाई के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिससे लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में न आने पाए।
जिला क्षय अधिकारी के मुताबिक टीबी रोग असाध्य बीमारी नहीं है। जागरूकता की कमी होने से लोग घबरा जाते हैं, जबकि टीबी का इलाज आसानी से संभव है। टीबी रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि टीबी के रोगी को खासतौर पर शाम को बुखार बढ़ने लगता है और सीने में दर्द भी होता है। इसके अलावा रोगी को खांसी के साथ खून आने लगता है एवं भूख नहीं लगता। वजन भी कम होने लगता है। बताया कि टीबी के मरीज कहीं न जाकर जिला अस्पताल में आकर अपना इलाज करवाएं। टीबी का इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में किया जाता है। बताया कि 10 अक्टूबर से इस खोजी अभियान का शुभारंभ हुआ है जो 23 अक्टूबर तक चलेगा। श्री अग्रवाल ने बताया कि फरवरी 2018 से जून 2019 तक जनपद में 15,887 लोगों की जांच की गई थी जिसमें 612 टीबी के मरीज मिले जिनका इलाज कराया जा रहा है।