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अपनों के खोने के गम में परिजन रहे बेसुध

बिहार के अधौरा थाना क्षेत्र में स्थित गुप्तेश्वर धाम में दर्शन करने गए श्रद्धालुओं से भरे ट्रैक्टर-ट्राली के पलटने से करमा थाना क्षेत्र के मंगरदहा गांव निवासी तीन लोगों की मौत के बाद गांव में सियापा छा गया। हर कोई अपनों के खोजने के गम में पागल सा हुआ जा रहा था। वहीं इस घटना में घायल श्रद्धालुओं के परिजनों की हालत भी ठीक नहीं थी। घर के युवा हों या बच्चे। बार-बार मोबाइल उठाकर भभुआ फोन करते और स्थिति से रूबरू होते रहे। सोमवार को पूरे दिन इस गांव में किसी का कलेजा फटता रहा तो किसी की सांसे अटकी रहीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 09:43 PM (IST)
अपनों के खोने के गम में परिजन रहे बेसुध
अपनों के खोने के गम में परिजन रहे बेसुध

जागरण संवाददाता, करमा (सोनभद्र): बिहार के अधौरा में स्थित गुप्तेश्वर धाम में दर्शन-पूजन करने गए श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से करमा के मगरदहां गांव निवासी तीन लोगों की मौत के बाद गांव में सियापा छा गया। हर कोई अपनों के खोजने के गम में पागल सा हुआ जा रहा है। इस घटना में घायल श्रद्धालुओं के परिजनों की हालत भी ठीक नहीं है। घर के युवा हों या बच्चे। बार-बार मोबाइल उठाकर भभुआ फोन करते और स्थिति से रूबरू होते रहे।

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मगरदहां गांव से ट्रैक्टर-ट्राली में बैठकर करीब पचास लोग गुप्तेश्वर नाथ दर्शन करने गए थे। वहां से लौटते समय सभी हादसे का शिकार हो गए। इसमें 55 वर्षीय नन्हकी पत्नी रामदास, 55 वर्षीय नंदलाल और 35 वर्षीय रीता देवी पत्नी मुराहू की मौत हो गई वहीं कुल 26 लोग घायल हो गए। सोमवार की सुबह करीब दस बजे जब जागरण प्रतिनिधि गांव में पहुंचे तो पता चला कि कई के घरों में चूल्हा तक नहीं जला है। मृतकों व घायलों के घर से कोई न कोई घटनास्थल के लिए रवाना हो चुका था। महिलाएं बाहर बैठकर अपनों पर टकटकी लगाई थीं। एक साथ दर्जनों महिलाओं का करूण-क्रंदन सुनकर इस गांव में पहुंचाने वाले हर शख्स की आंखें नम होती नजर आ रही थीं। रोते-रोते महिलाएं हो रहीं थीं अचेत

नन्हकी, नंदलाल और रीता के घर की महिलाएं रोते-रोते कई बार अचेत हो जा रही थीं। गांव की महिलाएं उन्हें ढांढस बधाने की कोशिश जरूर कर रही थीं लेकिन थोड़ी ही देर में वह खुद अपने आंचल से अपने आंसू पोछने लग रही थीं। हाल यह हो गया था कि कई के तो बदन तक आंसुओं से भीग गए। वहीं जिनके घर के लोग इस हादसे में घायल हुए थे उनकी तो मानों सांसें ही अटकी रहीं। जैसे-जैसे सूरज चढ़ रहा था वैसे-वैसे लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही थीं। एक हाथ में मोबाइल लिए दूसरे हाथ से कभी आंसू पोछते तो कभी सिर पर हाथ फेरकर खुद को संभालने की कोशिश करते रहे। हर अपने इष्टदेव से यह मना रहा था कि मरने वालों की संख्या अब न बढ़े। ये हुए हैं घायल

गांव से मिली जानकारी के मुताबिक अशोक पुत्र अर्जुन, देवकिशन पुत्र अछैबर, महेंद्र पुत्र अछैबर, शिवनारायण पुत्र कल्लू, पार्वती पत्नी शिवनारायण, गीता पत्नी अशोक, संगीता पत्नी जवाहिर, रामचेला पुत्र राजाराम, मालती पत्नी रामचेला, दिनेश पुत्र रामप्रसाद, मुराहू पुत्र रामजी, कलुई पत्नी रामप्रसाद, रामसहल पुत्र बद्री प्रसाद, राम आसरे पुत्र बद्री प्रसाद, बल्ला प्रसाद पुत्र मोतीलाल, जय कपूर पुत्र रामविलास, दीपक पुत्र रामबिलास, रामसजीवन पुत्र अशोक, मुन्ना पुत्र रामखेलावन, सुदामी पत्नी मुन्ना, प्रीति पुत्री मुन्ना, चंद्रजीत, सुनिता पत्नी चंद्रजीत, तेतरी पत्नी गुड्डू घायल हैं।


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