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उर्जांचल में कोयला चोरी का बढ़ा दायरा

बेतहाशा जारी है। इसका दायरा निरंतर हाईटेक होता जा रहा है। कोयला चोर ट्रांसपोर्टरों का सहारा लेकर कोयला चोरी कर वाहनों से वाराणसी के चंदासी मंडी भेज रहे है। रविवार को एक ट्रांसपोर्टर द्वारा कोयला चोरी करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अनपरा पुलिस ने कोयला चोरी के सं

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 07:22 PM (IST)
उर्जांचल में कोयला चोरी का बढ़ा दायरा
उर्जांचल में कोयला चोरी का बढ़ा दायरा

जासं अनपरा (सोनभद्र): ऊर्जांचल में कोयला चोरी सुनियोजित ढंग से जारी है। इसका दायरा निरंतर हाईटेक होता जा रहा है। कोयला चोर ट्रांसपोर्टरों का सहारा लेकर कोयला चोरी कर वाहनों से वाराणसी के चंदासी मंडी भेज रहे हैं। रविवार को एक ट्रांसपोर्टर द्वारा कोयला चोरी करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अनपरा पुलिस ने कोयला चोरी के संदेह में दो वाहनों को थाना परिसर में खड़ा कराया है।

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ट्रांसपोर्टर अखिलेश जैन ने थाने में दिए तहरीर में कहा है कि शनिवार की सुबह मेरे ट्रांसपोर्ट महाबीर से जुड़े दो ट्रेलर खड़िया परियोजना से डीओ का कोयला लेकर मोरवा रेलवे साइडिग के लिए रवाना हुए। लेकिन दोनों ट्रेलर काफी देर तक साइड पर नही पहुंचे। इन वाहनों की तालाश किए जाने पता लगा कि दोनों वाहन कोयला लोड लेकर अनपरा वन विभाग बैरियर के पास खड़े हैं। चालकों से जानकारी लेने के दौरान एक वाहन का चालक मौके से भाग गया। दूसरे वाहन का चालक ग्राम कुलडोमरी (डैनिया) निवासी रवि कुमार पनिका से कोयले का कागज मांगा गया तो उसके पास कोई कागज नहीं मिला। इसी दौरान जानकारी हुई की मोरवा थाने में भी पकड़े गये वाहन एक वाहन का नंबर अनपरा में पकड़े गए वाहन का ही नंबर है। एक ही नंबर के दो वाहन होना गंभीर विषय है। चालक ने बताया कि दोनों वाहनों के चालक डब्ल्यूआई कालोनी निवासी सोनू नायडु, अनिल सिंह पटेल आदि के कहने पर कोयला लदे ट्रेलर को वाराणसी ले जा रहे थे। कोयला चोरी करके बिक्री के लिए ले जाया जा रहा था। दिये गये तहरीर के आधार पर पुलिस मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच कर रही है। सीबीआइ छापे के बाद रुकी थी कोयला चोरी

स्थानीय पुलिस व वन विभाग का शुरू से ही कोयला चोरी मामले में संदिग्ध भूमिका रही है। 26 जुलाई 2009 में क्षेत्र में कोयला चोरों के यहां पड़े सीबीआई छापे के बाद कोयला चोरी बंद हो गया था। कुछ वर्षों बाद शुरू हुआ कोयला चोरी का ग्राफ काफी बढ़ गया है। पूर्व के एसपी प्रभाकर चौधरी के जनपद में आते ही कोयला चोर भूमिगत हो गये थे। लेकिन फिर से कोयला चोरी क्षेत्र में बेखौफ जारी है। वन विभाग सब पर भारी

अनपरा शक्तिनगर समेत मध्य प्रदेश स्थित कोल परियोजनाओं से चोरी कर कोयले को वाराणसी मंडी में सही सलामत भेजने के लिए वन विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कोयला चोर कहीं का डिपो का हवाला देकर अनपरा विभाग से ट्रांजिट शुल्क जमा कर रसीद ले लेते हैं। इससे अनपरा वन विभाग बैरियर के बाद कोयला एक नंबर को हो जाता है। वन विभाग के कर्मी सारा खेल बखूबी जानते हुए इस अवैध धंधे को सुनियोजित ढंग से संचालित कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।


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