मक्के व अरहर की खेती कर आय कर सकते हैं दोगुनी
विकास खंड दुद्धी के छतवा ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में रविवार को किसानों की आय दोगुना करने के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, विढमगंज (सोनभद्र) : विकास खंड दुद्धी के छतवा ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में रविवार को किसानों की आय दोगुना करने के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें दौरान काशी हिदू विश्वविद्यालय वाराणसी से आए प्रोफेसरों ने जनजाति किसानों के हित में जनजातीय उप परियोजना के अंतर्गत मक्के का बीज व खाद का वितरण किया।
गोष्ठी में प्रोफेसर जेपी शाही ने कहा कि जनजाति किसानों के प्रति सरकार काफी संवेदनशील है। सरकार द्वारा इन किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वर्तमान समय में जो फसल की बोआई व रोपाई की जा रही है उसके अंतर्गत काशी हिदू विश्वविद्यालय से शोधित मक्का की फसल के साथ ही अरहर की फसल लगाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कहा कि किसान मक्के के साथ अरहर की बोआई करके अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। प्रोफेसर कार्तिकेय श्रीवास्तव ने कहा कि आज के परिवेश में किसान खाद के नाम पर केमिकल युक्त खाद का उपयोग करते हैं जो फसल के साथ भूमि की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट करती है। जिससे आने वाली पीढ़ी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सभी किसान गोबर का खाद बना करके उसका उपयोग खेती में करें, ताकि खेत की उर्वरा शक्ति सदैव बनी रहे। प्रोफेसर पीके सिंह ने ग्रामीणों की समस्या को सुनते हुए कहा कि इस इलाके में अमरबेल नाम का पौधा है जो बिना जड़ के ही दूसरे पौधों पर उत्पन्न होकर अपने आप को जिदा रखता है। उसे समाप्त करने के लिए पैडीन मैथलीन नामक है। जो पानी में एक परसेंट डालकर गर्मी के दिनों में जब खेतों में फसल ना हो उस समय छिड़काव करने से अमरबेल पौधा जड़ से समाप्त हो जाएगा। प्रोफेसर अखिलेश पाल ने कहा कि खेतों में दीमक की भी संख्या ज्यादा है। उनको समाप्त करने के लिए क्लोबेरीफास्ट नामक केमिकल मिट्टी के तेल में डालकर इसका छिड़काव करने से दीमक खेतों से समाप्त हो जाएंगे। इस दौरान किसान गोष्ठी में 100 किसानों को शोधित मक्के का निश्शुल्क बीज वितरण किया गया। इस मौके पर गौरी शंकर कुशवाहा, मथुरा प्रसाद, कैलाश प्रसाद, रघु सिंह, कामेश्वर प्रजापति, महेंद्र सिंह, सुधनी देवी, जर्मन देवी, राधेश्याम चौरसिया आदि रहे।