सोन नदी में तेजी से हो रहा अवैध बालू खनन
एक जुलाई से बालू खनन बंद होने को देखते हुए सोन नदी में अवैध बालू खनन तेज हो गया है ।सोन नदी में आधा दर्जन जगहों पर अवैध खनन किया जा रहा है ।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : एक जुलाई से बालू खनन बंद होने को देखते हुए सोन नदी में अवैध बालू खनन तेज हो गया है। सोन नदी में आधा दर्जन जगहों पर अवैध खनन किया जा रहा है। यहीं नहीं नियमित खदानों के बंद होने के कारण बालू को कई जगहों पर डम्प करने के साथ एमपी की परमिट पर बेचा जा रहा है। रात होते ही तमाम जगहों पर ट्रैक्टर सोन नदी में घुस जा रहे हैं। ट्रैक्टर से बालू निकाल कर तय स्थान पर पहुंचा दिया जा रहा है। उसके बाद टीपर के माध्यम से उसे अंयत्र भेज दिया जा रहा है।
ज्यादातर मामलों में सिगरौली के सिहावल की एक लीज बालू खदान की परमिट का प्रयोग किया जा रहा है। मानसून के चालू होने के कारण सोन नदी के जलस्तर में आने वाले दिनों में वृद्धि की संभावना है। खेवधा और ब्रह्मोरी बालू साइड से बालू नहीं निकलने से अवैध बालू खनन करने वालों की अनुकूल माहौल बन गया है। कई जगहों से अवैध खनन
सोन नदी के तटवर्ती चौरा, विजौरा, बड़गावा, चतरवार, कुर्छा, घोरिया, सेमिया, छितिकपुरवा और कुड़ारी से दिन दहाड़े ट्रैक्टर ट्राली द्वारा बालू खनन हो रहा है। इन जगहों पर जाने वाले मार्गों पर वन विभाग और जुगैल पुलिस द्वारा कई बार गड्ढा बनवाने के बावजूद खनन माफिया गड्ढों को पाटकर काम चालू कर दे रहे हैं। सोनभद्र के हिस्से में जहां टीपर का प्रयोग हो रहा है। वहीं सीमावर्ती सिगरौली जनपद के रमडीहा में ट्रकों की भी लोडिग की जा रही है। सभी ट्रक धड़ल्ले से सोनभद्र से गुजर रही हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है। सिगरौली जनपद के ही चितरंगी ब्लाक में पिपरझर, देवरा, वर्दी, धरौली, चिकनी, खटाई, बिछी, बरवाडीह, ठटरा, मांचीकला, खेडार आदि तटवर्ती हिस्से में भी खनन किया जा रहा है। संभावना है कि एक जुलाई से बालू के मूल्य में वृद्धि भी हो सकती है। फिलहाल 100 फीट बालू का दाम 3500 रुपये है।
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