सावधानी बरतें तो बच सकते हैं वज्रपात से
जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने बताया कि मानसून के दौरान आम जन-मानस पर कई आपदाओं का खतरा बना रहता है। हाल के वर्षों में वज्रपात प्राय घटित होने वाली आपदाओं में से एक है। वज्रपात पृथ्वी पर सबसे पुरानी देखी गई प्राकृतिक घटनाओं में से एक है लेकिन आम जन-मानस के मध्य इसके प्रति जागरूकता का काफी अभाव है। जिसके कारण बड़ी संख्या में जनहानियां हो रही है। थोड़ी सी सावधानी अपना कर काफी हद तक वज्रपात से बचाव किया जा सकता।
जासं, सोनभद्र : जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने बताया कि मानसून के दौरान आम जन-मानस पर कई आपदाओं का खतरा बना रहता है। हाल के वर्षों में वज्रपात प्राय: घटित होने वाली आपदाओं में से एक है। वज्रपात पृथ्वी पर सबसे पुरानी देखी गई प्राकृतिक घटनाओं में से एक है लेकिन आम जन-मानस के मध्य इसके प्रति जागरूकता का काफी अभाव है। इस कारण बड़ी संख्या में जनहानियां हो रही है। थोड़ी सी सावधानी अपना कर काफी हद तक वज्रपात से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि याद रखें, रबर सोल के जूते व टायर वज्रपात से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। बिजली गिरने को खिड़की से न देखें, अन्दर के कमरे अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित होते हैं। बादलों की गड़गड़ाहट का तेज व बार-बार होना बड़े खतरे की सूचना है। बादलों की गड़गड़ाहट सुनायी देने पर या बिजली चमकती दिखायी देने पर तुरन्त सुरक्षित स्थान में आश्रय लें। बिजली से चलने वाले मुख्य उपकरण जैसे फ्रिज, कम्प्यूटर, टीवी आदि को विद्युत आपूर्ति लाइन से निकाल दें व मोबाइल का उपयोग न करें। वज्रपात के स्थिति में नल से होकर आ रहे पानी का उपयोग न करें, पानी के नल में विद्युत प्रवाह हो सकता है। वज्रपात सुरक्षित निस्तारण के लिए अपने धर व कार्यालय में ताड़ित चालक स्थापित करवाएं। आपातकालीन सेवाओं का फोन नम्बर पास रखें। प्रशिक्षित होने पर ही वज्रपात से पीड़ित व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा देने का प्रयास करें और तत्काल अस्पताल ले जायें। कंक्रीट के फर्श पर न लेटे और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें, बिजली गिरने के दौरान इनमें करंट प्रवाह हो सकता है। अगर आप तालाब, नदी, नहर में हों तत्काल वहां से बाहर निकल जाए।