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फक्र है मुझे भारत मां, मैं भी किसान का बेटा हूं..

जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) स्थानीय तहसील परिसर स्थित श्रीरामलीला मंच पर कौमी एकता के त

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 03:40 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 03:40 PM (IST)
फक्र है मुझे भारत मां, मैं भी किसान का बेटा हूं..
फक्र है मुझे भारत मां, मैं भी किसान का बेटा हूं..

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : स्थानीय तहसील परिसर स्थित श्रीरामलीला मंच पर कौमी एकता के तत्वावधान में बुधवार को 36वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य रामशकल, सदर विधायक भूपेश चौबे, दुद्धी विधायक हरिराम चेरो व चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि दुद्धी में अनवरत आयोजन के साथ यह कौमी एकता का मंच राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है।

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सदर विधायक भूपेश चौबे एवं दुद्धी विधायक हरिराम चेरो ने भी कमेटी की पहल की सराहना की। इसके बाद क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आधा दर्जन लोगो का प्रशस्ति पत्र एवं अंगवस्त्रम् भेंट कर सम्मानित करने के बाद मंच कवियों के हवाले हुआ। कवयित्री डा. सुमन दुबे ने मां वीणा वाली की वंदना के बाद कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना और गीत सुनाकर समा बांध दिया। गोरखपुर के गीतकार मनमोहन मिश्र ने ,फूलों के रंग क्या हुए बोलो जबाव दो, मैंने लहू दिया है लहू का हिसाब दो' सुनाकर बाहबाही बटोरी। मुंबई की धरती से पधारे कवि कवि दिनेश बावरा ने नौकरशाही व्यवस्थाओं पर तंज कसते हुए अपनी रचना सुनाकर जमकर तालियां बटोरी। व्यंग्य कसते हुए कहा कि जो मजदूर जो किसान, अपने शहर को गढ़ता है। उसको मृत्यु का प्रमाण पत्र पाने के लिए भी दो चार बार मरना पड़ता है'।

शायर हसन सोनभद्री ने किसी मछली को पानी से निकालो मेरी चाहत का अंदाजा लगा लो' खिजा में एक नजर पत्तों पर डालो मेरी हालात का अंदाजा लगा लो जैसी गीत सुनाई। गढ़वा झारखंड से पधारे कवि राम अवध पुष्कल ने ,लिखना बहुत कठिन है पानी से पानी पर पानी लिखना बहुत कठिन है' तथा कवि इमरान बनारसी ने ,तेरे वाले कमान वाले हैं हम बड़ी आन बान वाले हैं, जिसका सम्मान करते हैं दुनिया हम वह हिदुस्तान वाले हैं' सुनाई। प्रयागराज से पधारे कवि शैलेश गौतम ने इंसानियत के हक में ये ऐलान होना चाहिए। कोई भी हो पहले उसे इंसान होना चाहिए' अखिलेश द्विवेदी ने हम अपना दर्द बांटे या न बांटे पर हंसी बांटे, बुलाकर सारे गम अपने सभी के साथ खुशी बांटे'कविता पढ़ी। म्योरपुर के युवा कवि यथार्थ विष्णु दयाल ने लाकडाउन में भी किसानों की भूमिका पर कविता पढ़ी। उनकी पंक्ति फक्र मुझे है भारत मां, मैं भी किसान का बेटा हूं' जैसी रचना कवियों ने प्रस्तुत किया।

संचालन करते हुए कमलेश राजहंस ने किया। इस मौके पर कौमी एकता समिति अध्यक्ष रामलोचन तिवारी, रामपाल जौहरी, सत्यनारायण यादव, कोषाध्यक्ष मदन मोहन तिवारी, सचिव शिवशंकर गुप्ता, प्रचार प्रसार मंत्री भीम जायसवाल, प्रधान संघ अध्यक्ष दिनेश यादव वर्मा, वंदना कुशवाहा, ममता मौर्या आदि मौजूद रहे।


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