ओबरा इंटर कालेज में शिक्षकों की भारी कमी
प्रदेश की सर्वोच्च सूची में पिछले कई दशकों से शामिल रहने वाला ओबरा इंटरमीडिएट कालेज में अब शिक्षकों की भारी कमी के चलते संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस कमी में उत्पादन निगम की शिक्षा के प्रति बरती जा रही मंशा को स्पष्ट करता है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : प्रदेश की सर्वोच्च सूची में पिछले कई दशकों से शामिल रहने वाला ओबरा इंटरमीडिएट कालेज में अब शिक्षकों की भारी कमी के चलते संकट का सामना करना पड़ रहा है। यह कमी उत्पादन निगम की शिक्षा के प्रति बरती जा रही मंशा को स्पष्ट करता है। राज्य विद्युत परिषद के विघटन के बाद से ही शुरू हुयी उपेक्षा ने गौरवशाली विद्यालय के शिक्षा स्तर को गर्त में ला खड़ा किया है। विद्यालय में 75 फीसदी शिक्षकों की कमी है।
91 शिक्षकों के सापेक्ष मात्र 24 शिक्षक
विद्यालय में प्रवक्ता के कुल 23 पद सृजित है, जिसमें केवल सात शिक्षक ही कार्यरत हैं। इस समय गणित, समाज शास्त्र, नागरिक शास्त्र, इतिहास, संगीत, कला, जीव विज्ञान, ¨हदी, वाणिज्य, संस्कृत और उर्दू विषय के एक भी प्रवक्ता नहीं है। वर्तमान में भौतिक और रसायन के चार पद खाली हैं। इसके अलावा इंग्लिश, ¨हदी एवं खेल शिक्षकों की भी कमी है। सबसे बुरा हाल एलटी ग्रेड के शिक्षकों का है। यहां कुल सृजित 68 पदों के सापेक्ष मात्र सात शिक्षक ही बचें हैं। इसके अलावा 9 शिक्षकों को एलटी ग्रेड में समायोजित किया गया है। इनमें भी कई शिक्षक इसी सत्र में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। शिक्षकों की भारी कमी की वजह से विद्यालय के शैक्षिक माहौल में भारी गिरावट दर्ज की गयी है।इसका अंदाजा छात्रों की संख्या से लगाया जा सकता है। कभी 6500 छात्रों वाले इस विद्यालय में वर्तमान में छात्रों की संख्या मात्र 1700 के लगभग रह गई है।