खतौनी के लिए तहसीलों में उमड़ी भीड़, हो रही धक्का-मुक्की
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभ पाने के लिए किसानों में होड़ मची है। लेखपाल द्वारा गांवों में पहुंचकर आधारकार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकापी के साथ ही खतौनी भी मांगी जा रही है। ऐसे में खतौनी निकलवाने के लिए लोगों की भीड़ तहसीलों में जुट रही है। सोमवार को जैसे ही तहसील कार्यालय का काउंटर खुला खतौनी निकालने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। दुद्धी में इसकी जानकारी जब एसडीएम और तहसीलदार को हुई तो वे मौके पर पहुंचे और पूरी जानकारी देते हुए बताया कि खतौनी की आवश्यकता इस योजना में नहीं है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभ पाने के लिए किसानों में होड़ मची है। लेखपाल द्वारा गांवों में पहुंचकर आधारकार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकापी के साथ ही खतौनी भी मांगी जा रही है। ऐसे में खतौनी निकलवाने के लिए लोगों की भीड़ तहसीलों में जुट रही है। सोमवार को जैसे ही तहसील कार्यालय का काउंटर खुला खतौनी निकालने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। दुद्धी में इसकी जानकारी जब एसडीएम और तहसीलदार को हुई तो वे मौके पर पहुंचे और पूरी जानकारी देते हुए बताया कि खतौनी की आवश्यकता इस योजना में नहीं है। पूरा रिकार्ड तहसील प्रशासन के पास है।
राबर्ट्सगंज तहसील में एकल ¨वडो के पास सुबह नौ बजे से ही भीड़ लग गई। करीब 50 की संख्या में वहां पहुंचे किसान अपने-अपने गांव का नाम या खाते का नंबर बताकर खतौनी निकालने में जुटे रहे। हर कोई खतौनी पाकर अपने को कामयाब मानता दिख रहा था।
दुद्धी प्रतिनिधि के अनुसार : तहसील कार्यालय खुलने के साथ ही ग्रामीणों की भीड़ तहसील मुख्यालय के खतौनी काउंटर पर उमड़ पड़ी। भीड़ में खतौनी के लिए धक्का-मुक्की होने लगी तो संबंधित कर्मी सभी को लाइन लगाने की बात कहे। देखते ही देखते वहां किसानों की लंबी कतार लग गई। दोपहर बाद मुख्यालय आए एसडीएम रामचंद्र यादव व तहसीलदार शशिभूषण मिश्रा यह नजारा देख भौचक्क हो गए। लाइन में खड़े ग्रामीणों से पूछा तो लगभग सभी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दो हजार रुपये देने वाली योजना के लिए वे इस प्रपत्र को निकलवा रहे हैं। इतना सुनते ही राजस्व अधिकारियों ने ग्रामीणों को तत्काल वहां से हटाते हुए शासन की बात उन तक पहुंचाई। बताया कि यह उनकी नहीं लेखपाल का दायित्व है कि वे अपने क्षेत्र से सभी मानक पूर्ण करने वाले किसानों का विवरण बनाएं। इतना सुनने के बावजूद कुछ ग्रामीण तो वहां से चले गए।
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संपूर्ण अभिलेख तहसील के पास, नहीं देनी है खतौनी
सोनभद्र : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए नोडल विभाग के अधिकारी जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि किसानों को परेशान होनी की जरूरत नहीं है। कृषि विभाग की पारदर्शी किसान योजना के तहत पंजीकृत एक लाख 52 हजार किसानों व भू-लेख के डाटा को ¨प्रट कराकर संबंधित तहसीलों को दे दिया गया है। वहां से लेखपालों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे बाकी प्रक्रिया पूर्ण करें। हां, लेखपाल जब गांव में सत्यापन करने जाएं, किसान से संपर्क करें तो उन्हें एक शपथ पत्र दिया जाना है। यह शपथ पत्र किसान की तरफ से दिया जाएगा। इसके अलावा जरूरी होने पर सत्यापन यानि आधार नंबर, बैंक खाते का नंबर मिलान कराने के लिए बैंक पासबुक की फोटो कापी व आधारकार्ड की फोटो कापी मांगी जा सकती है। खतौनी किसानों को नहीं देनी है। इसके लिए परेशान न हों।