अर्द्धशतक पुरानी ओबरा परियोजना कालोनी के आवास जर्जर
लगभग 50 वर्ष पुरानी ओबरा तापीय परियोजना कालोनी के ज्यादातर आवास काफी जर्जर हो चुके हैं।साथ ही ओबरा सी की वजह से खत्म हुए सेक्टरों, अन्य परियोजनाओं से स्थानांतरित अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से भारी संख्या में आवासों की मांग बढ़ी है।इसके अलावा खनन क्षेत्र के पास स्थित सेक्टरों के जर्जर होते आवासों ने भी दिक्कतें बढ़ाई है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : लगभग 50 वर्ष पुरानी ओबरा तापीय परियोजना कालोनी के ज्यादातर आवास काफी जर्जर हो गए हैं। साथ ही ओबरा-सी की वजह से खत्म हुए सेक्टरों, अन्य परियोजनाओं से स्थानांतरित अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से भारी संख्या में आवासों की मांग बढ़ी है। इसके अलावा खनन क्षेत्र के पास स्थित सेक्टरों के जर्जर होते आवासों ने भी दिक्कतें बढ़ाई है। ऐसे में अब नए आवासों के साथ पुराने आवासों की वृहत्त मरम्मत की मांग तेज हो गई है।उत्पादन निगम अधिकारी एसोसिएशन ने बुधवार को ओबरा आए उत्पादन निगम के प्रबंध को ज्ञापन सौंप नए आवासों के निर्माण की मांग की है। सुरक्षित नहीं रहे कालोनी के आवास
प्रदेश की सबसे पुरानी विद्युत कालोनी के ज्यादातर आवास काफी जर्जर हो गए हैं। पिछले एक दशक के दौरान सैकड़ों आवासों में रोंगटे खड़े कर देने वाली क्षति हुई है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वर्तमान मानसून में ओबरा कालोनी के तीन हजार से ज्यादा आवासों की छत टपक रही है। ज्यादातर परियोजनाकर्मी स्वयं के संसाधनों से घरों की छतों से हो रहे रिसाव से बच रहे हैं। कालोनी के कुल 10 सेक्टरों के हजारों आवासों की दीवारे टूटने की कगार पर हैं।उत्पादन निगम अधिकारी एसोसिएशन ने परियोजना के कई सेक्टरों के आवासों को सुरक्षा की ²ष्टि से खतरनाक बताया है। खासकर खनन क्षेत्र के समीप सेक्टर 8 और 9 के आवास ज्यादा जर्जर हो चुके हैं। ओबरा-सी के मद से हो नये आवासों का निर्माण
ओबरा सी की वजह से कुल पांच सेक्टरों के तीन हजार के करीब आवास तोड़े गए हैं, जिसके कारण आवासों की भारी कमी हो गई है। ऐसे में अब ओबरा-सी के मद से नये आवासों के निर्माण की मांग भी होने लगी है। अधिकारी एसोसिएशन के क्षेत्रीय सचिव मनीष मिश्र ने कहा कि सुरक्षा के ²ष्टिकोण से खतरनाक हो गए आवासों को ओबरा-सी के मद से बनाया जाना चाहिए। खनन क्षेत्र के सबसे नजदीक स्थित सेक्टर-9 के कई आवासों में दीर्घकालीन तौर पर खनन विस्फोट का असर साफ दिखाई पड़ रहा है। सेक्टर-9 के सेकेण्ड टाइप, एईटी एवं फील्ड हास्टल के आवास भी काफी जर्जर हो गए हैं। यही हाल सभी कालोनियों में है।