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कामगारों के आंखों से छलके खुशी के आंसू

नर सेवा ही सच्चा नारायण सेवा है। इसकी तस्वीर समूचे देश के साथ तीन प्रान्तों की सीमा से घिरे दुद्धी तहसील मुख्यालय में भी देखने को मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 06:11 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 06:10 AM (IST)
कामगारों के आंखों से  छलके खुशी के आंसू
कामगारों के आंखों से छलके खुशी के आंसू

जासं, दुद्धी (सोनभद्र) : नर सेवा ही सच्चा नारायण सेवा है। इसकी तस्वीर समूचे देश के साथ तीन प्रान्तों की सीमा से घिरे दुद्धी तहसील मुख्यालय में भी देखने को मिल रहा है। कोरोना महामारी के भयावहता के बीच रोजी छीनने के बाद अपने घर गांव लौटने की जद्दोजहद में लोग पत्नी, बच्चों के साथ पैदल ही निकल पड़े है। इसी तरह के झारखंड के विभिन्न स्थानों के कामगारों का करीब दर्जन भर जत्था दुद्धी पहुंचा, तो उनकी जिम्मेदारी यहां के युवाओं ने ली। करीब 60-70 की संख्या में महिला-पुरुष एवं बच्चों को सुबह नगर पंचायत के समाजिक रसोई में बकायदे भोजन कराने के बाद उन्हें निश्शुल्क निजी बस एवं पिकअप वाहन पर बैठाकर उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाया।

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