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चार साल में लगभग सात सौ मौतों के बाद भी नहीं चेता प्रशासन

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनजीटी की सख्त मनाही के बावजूद सड़क मार्ग से कोयले व राख

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Mar 2018 09:03 PM (IST)Updated: Sat, 03 Mar 2018 09:03 PM (IST)
चार साल में लगभग सात सौ मौतों के बाद भी नहीं चेता प्रशासन
चार साल में लगभग सात सौ मौतों के बाद भी नहीं चेता प्रशासन

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनजीटी की सख्त मनाही के बावजूद सड़क मार्ग से कोयले व राख का परिवहन किया जा रहा है। एनजीटी की कोर कमेटी द्वारा जब ऊर्र्जाचल का दौरा किया गया था तो आंख में धूल झोंकने के लिए दो दिन तक सड़क से कोयला परिवहन पूर्णतया बंद कर दिया गया था। मगर ढाक के तीन पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए टीम के जाते ही वाहनों से ओवर लोड कोयला परिवहन शुरू हो गया। सबसे बड़ी भयावह तस्वीर तो यह है कि आये दिन राहगीरों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है। आंकड़े के अनुसार विगत चार सालों में लगभग ¨सगरौली व सोनभद्र परिक्षेत्र में सड़क दुर्घटना के कारण 700 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सैकड़ों लोग घायल होने के चलते दिव्यांग हो गए।

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जनवरी 2018 में एनजीटी की कोर कमेटी ने डा. तपन चक्रवर्ती की अध्यक्षता में ¨सगरौली परिक्षेत्र का दौरा किया था। कमेटी ने स्पष्ट आदेश दिया कि सड़क मार्ग से परिवहन न किया जाए। मगर प्रतिदिन होने वाली मौतों से जिला प्रशासन और परियोजना प्रबंधन पूरी तरह उदासीन और असंवेदशील है। सड़कों पर बेलगाम कोल परिवहन में लगे वाहन तीव्रगति से चल रहे हैं। इन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कभी ठोस प्रयास नहीं किया गया। एनजीटी में याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता अश्वनी कुमार दुबे ने कहा कि संबंधित विभागों की उदासीनता से ऊर्जांचल में सड़क दुर्घटना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।


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