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जेपी पावर की बिजली से रोशन हो रहे समीपवर्ती चार जिले

पावर हब के नाम से विख्यात सोनांचल में 15 हजार मेगावाट के करीब विद्युत का उत्पादन होता है। यहां से उत्पादित बिजली से अभी तक देश का कोना-कोना ही रोशन होता था, ¨कतु जेपी चुर्क पावर प्लांट में स्थापित पावर प्लांट से

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 08:03 PM (IST)
जेपी पावर की बिजली से रोशन हो रहे समीपवर्ती चार जिले
जेपी पावर की बिजली से रोशन हो रहे समीपवर्ती चार जिले

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पावर हब के नाम से विख्यात सोनांचल में 15 हजार मेगावाट के करीब बिजली का उत्पादन होता है। यहां से उत्पादित बिजली से अभी तक देश का कोना-कोना ही रोशन होता था लेकिन अब जेपी चुर्क पावर प्लांट में स्थापित बिजली इकाई से जनपद के इर्द-गिर्द स्थित तीन और जिले रोशन हो रहे हैं।

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सोनभद्र में देश की महारत्न विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी सहित उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम व निजी कंपनियों द्वारा भी बिजली का उत्पादन किया जाता है। रेणुसागर में ¨हडाल्को बिड़ला ग्रुप द्वारा स्थापित कैप्टिव पावर प्लांट से जहां रेणुकूट स्थित एल्यूमिनियम प्लांट को ही बिजली मिल पाती है वहीं चुर्क में स्थापित जेपी पावर प्लांट द्वारा सोनभद्र ही नहीं समीपवर्ती मीरजापुर, चंदौली व भदोही जिले में भी सीधे बिजली दी जाती है। इसके लिए राब‌र्ट्सगंज के छपका में बकायदा 220 केवी का सबस्टेशन स्थापित किया गया है। यहां से चंदौली के चकिया, भदोही के चौरी व औराई तथा मीरजापुर के पथरहिया व गुरुदेवनगर सबस्टेशन को विद्युत आपूर्ति की जाती है। अन्य जिलों में जाती है बिजली

जनपद में स्थापित एनटीपीसी व उत्पादन निगम की परियोजनाओं से उत्पादित बिजली को वाराणसी, मऊ व उन्नाव तक भेजा जाता है। अभी तक जनपद के किसी भी पावर प्लांट को यहां के ग्रिड से नहीं जोड़ा गया है। जेपी पावर प्लांट की इस पहल से निश्चित ही स्थानीय नागरिकों को राहत मिली है। अन्य कैप्टिव प्लांटों को भी करनी चाहिए पहल

लोगों का कहना है कि ¨हडाल्को की रेणुपावर द्वारा रेणुसागर में 700 मेगावाट से अधिक विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। इसके बाद भी कंपनी द्वारा जनपद अथवा आसपास के क्षेत्रों के लिए बिजली नहीं दी जाती है। यहां के कोयला व पानी से उत्पादित बिजली पर क्षेत्रीय नागरिकों का भी अधिकार है। ऐसे में शासन-प्रशासन सहित कंपनी प्रबंधन को भी इस संबंध में सकारात्मक पहल करनी चाहिए। बोले अधिकारी..

चुर्क में जेपी पावर का 60 मेगावाट के तीन पावर प्लांट का निर्माण होना है। वर्तमान में एक इकाई से परिचालन हो रहा है। इसमें से 50 मेगावाट विद्युत ग्रिड से जुड़ी 220 केवी के सबस्टेशन से जोड़ी गई है। इससे समीपवर्ती जिलों में बिजली की आपूर्ति की जाती है।

-अशोक मौर्या, अधिशासी अभियंता,सोनभद्र विद्युत पारेषण खंड।


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