सोनभद्र के जंगलों का 103 वर्ग किमी दायरा घटा, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा
प्रभागीय वनाधिकारी सोनभद्र संजीव कुमार सिंह का कहना है कि जब तक वे रिपोर्ट स्वयं पढ़ नहीं लेते कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। सोनभद्र का भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 6905 वर्ग किमी है। इस क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा वन क्षेत्र है।
सोनभद्र, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल में सोनभद्र जिला ही सर्वाधिक जंगली भूमि का जिला माना जाता है लेकिन यह जिला भी अब सौ किलोमीटर तक जंगल विहीन हो चुका है। यह चौंकाने वाली रिपोर्ट खुद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जारी की है। चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार व झारखंड की सीमा से सटा सोनभद्र भौगोलिक दृष्टि से यूपी का सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला जिला है लेकिन अब यहां के वन क्षेत्र का दायरा कम हो गया है। वर्ष 2019 में यहां का वन क्षेत्र 2540.29 वर्ग किमी था जो वर्ष 2021 में घटकर 2436.75 वर्ग किमी रह गया है। इस तरह दो वर्ष तक यहां का वन क्षेत्र का दायरा 103.44 वर्ग किमी घट गया। यह रिपोर्ट वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की है। इस रिपोर्ट के आने के बाद वन महकमे के अफसर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी सोनभद्र संजीव कुमार सिंह का कहना है कि जब तक वे रिपोर्ट स्वयं पढ़ नहीं लेते कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। सोनभद्र का भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 6905 वर्ग किमी है। इस क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा वन क्षेत्र है। यहां हर वर्ष शासन से निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पौधरोपण होता है ताकि वन क्षेत्र को संरक्षित करने के साथ ही पर्यावरण को बनाए रखा जा सके। लेकिन जंगलों में पौधों की तेजी से हो रही कटान, जंगल की जमीनों पर हो रहे कब्जे इसमें बांधक बन रहे हैं। यही वजह है कि सोनभद्र और आसपास के क्षेत्र में वन क्षेत्र का दायरा काफी कम हुआ है।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो वर्ष 2021 में हुए सर्वे में सोनभद्र का वन क्षेत्र करीब 103.44 वर्ग किमी कम हो गया है। 940 वर्ग किमी से अधिक दायरे में मध्यम श्रेणी का वन क्षेत्र है। यहां 138.32 वर्ग किमी घना जंगल व 1357.81 वर्ग किमी खुला वन क्षेत्र है। डीएफओ सोनभद्र का कहना है कि वन क्षेत्र का दायरा कैसे घटा है, यह वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही पता चल पाएगा। उन्हें जिले में वन क्षेत्र के घटने की जानकारी हुई है।