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19 लाख की आबादी, मोटर फायर इंजन सिर्फ पांच

जागरण संवाददाता सोनभद्र राजधानी दिल्ली में तीन कारखानों में आग से कईयों के मरने की खबर ने सभी को स्तंभ कर दिया है। जिले में इतनी बड़ी घटना होने पर अग्निशमन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। 19 लाख की आबादी वाले इस जिले में महज पांच मोटर फायर इंजन है। अधिकारियों का कहना है कि जनपद की भौगोलिक स्थिति के अनुसार यहां प्रर्याप्त

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 06:52 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 09:36 PM (IST)
19 लाख की आबादी, मोटर फायर इंजन सिर्फ पांच
19 लाख की आबादी, मोटर फायर इंजन सिर्फ पांच

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : राजधानी दिल्ली में तीन कारखानों में लगी आग से लगभग 45 लोगों के मारे जाने की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। घटना में मरने वालों की अधिक संख्या में पीछे अग्निशमन विभाग की उदासीनता और संसाधन विहीन व्यवस्था पर भी सवाल उठा है। ऐसे में जनपद में अग्निशमन के हालात जब खंगाले गए तो यहां की स्थिति और भी चौंकाने वाले हैं। यहां तो ऐसी घटना होने पर अग्निशमन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। 19 लाख की आबादी वाले इस जिले में महज पांच मोटर फायर इंजन है। जबकि अधिकारियों का कहना है कि यहां की भौगोलिक स्थिति के अनुसार पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी हैं।

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राब‌र्ट्सगंज नगर ही नहीं अन्य शहरों में मैरिज हाल, माल व बड़े प्रतिष्ठानों के खुलने का क्रम जारी है। नगर में खुले माल का अपना कोई पार्किंग स्थल नहीं है। यही हाल मैरिज हाल के भी हैं। शॉर्ट सर्किट या फिर किसी वजहों से मैरिज हाल या माल में चिगारी भड़क जाए तो आग की लपटों से बचकर बाहर निकलना काफी कठिन होगा। कई प्रतिष्ठानों तक पहुंचने वाली सड़क इतनी संकरी है कि मोटर फायर इंजन वहां तक पहुंच ही नहीं सकता। संसाधनों की बात करें तो अग्निशमन विभाग के पास पांच मोटर फायर इंजन हैं। राब‌र्ट्सगंज ब्लाक के उरमौरा स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के परिसर में उधार के कमरे में कर्मचारी रह रहे है और उसी परिसर में 45 सौ लीटर क्षमता वाले दो मोटर फायर इंजन खड़ा होते हैं। इसके अलावा एक छोटा मोटर फायर इंजन भी यहां मौजूद हैं। घोरावल व चोपन में भी एक-एक मोटर फायर इंजन है। दक्षिणांचल में नहीं कोई संसाधन

अग्निशमन विभाग की तरफ से दक्षिणांचल में अग्निशमन विभाग का कोई संसाधन मौजूद नहीं है। इसकी मुख्य वजह इस क्षेत्र में बड़े कारखानों का होना है। एनटीपीसी, एनसीएल के अलावा हिडाल्को के पास खुद का मोटर फायर इंजन व कर्मचारी हैं। इस क्षेत्र में आग लगने पर इन परियोजनाओं से मदद ली जाती है। मोल खरीदना पड़ता है पानी

आग लगने पर अग्निशमन विभाग को पानी खरीदना पड़ता है। प्रशासन की तरफ से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे उन्हें आसानी से पानी मुहैया हो जाए। कभी कभी पानी लेने में देरी के चलते आग से सबकुछ स्वाहा हो जाता है। प्रशासन से पहले से ही बड़ी बोरिग कराए जाने की मांग की जाती रही है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। खंडहर में तब्दील भवन में झेल रहे दुश्वरी

राब‌र्ट्सगंज स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के एक भवन में अग्निशमन विभाग का कार्यालय व आवास बनाया गया है, वह काफी जर्जर हो गया है। अग्निशमन विभाग के आधा दर्जन कर्मचारी इसी खंडहरनुमा भवन में जैसे-तैसे रहकर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। संसाधन व कर्मियों की नहीं कमी

जिले में अग्निशमन विभाग के पास संसाधन व कर्मियों की कोई कमी नहीं है। कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए होमगार्ड व पीआरडी के जवानों को प्रशिक्षण देकर कार्य कराया जा रहा है। राब‌र्ट्सगंज नगर व आसपास आग की बड़ी घटना पर विभाग काबू पाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

- बह्मानंद दुबे, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, सोनभद्र


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