Move to Jagran APP

गहमा-गहमी के बीच बीएमएस के पहले दिन का हड़ताल

एनसीएल की सभी कोल खदानों में भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रस्तावित पांच दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को काफी गहमा-गहमी बनी रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 06:07 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 09:08 PM (IST)
गहमा-गहमी के बीच बीएमएस के पहले दिन का हड़ताल
गहमा-गहमी के बीच बीएमएस के पहले दिन का हड़ताल

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनसीएल की सभी कोल खदानों में भारतीय मजदूर संघ द्वारा प्रस्तावित पांच दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को काफी गहमा-गहमी रही। सभी परियोजनाओं में कोल श्रमिक सुबह छह बजे प्रथम पाली में खदान जाने वाले सभी मार्गों पर एकत्रित हो गए और एफडीआइ के विरोध में जमकर नारेबाजी करने लगे। सभी प्रवेश द्वारों पर संगठन के झंडा-बैनर लगाए गए थे। खदानों में भी उत्पादन को प्रभावित करने की कोशिश हुई। वाहन जहां के तहां खड़े रहे।

prime article banner

दरअसल, भारतीय मजदूर संघ का पांच दिवसीय हड़ताल के क्रम में सोमवार सुबह से गहमागहरी रही। ककरी परियोजना में आउट सोर्सिंग कंपनी में दो घंटे तक काम पूर्णतया ठप रखा गया। सड़क मार्ग से कोल परिवहन को प्रभावित करते हुए रेल रैक लोडिग को भी प्रभावित किया गया। कृष्णशिला परियोजना में रोड डिस्पैच को प्रभावित करने के दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। संगठन के पदाधिकारी वहीं धरने पर बैठकर विरोध जताने लगे। उनका कहना था कि कंपनी में व्याप्त भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराई जाए। प्रबंधन, पुलिस व संगठन के नेताओं के साथ जमकर बहस हुई। वार्ता के बाद हड़ताली कर्मी वहां से हटे उस दौरान रोड डिस्पैच रोक दिया गया। बीना परियोजना में भी मुख्य द्वार से लेकर खदान क्षेत्र में हड़ताली कर्मी चारोओर सक्रिय रहे। जगह-जगह कोयला लदे ट्रेलर खड़े रहे। हड़ताली कर्मी अपनी क्षमता के अनुरूप हड़ताल को शत प्रतिशत सफल बनाने का जहां दावा किया जा रहा है वहीं प्रबंधन द्वारा हड़ताल का असर आंशिक रुप से माना जा रहा है। हड़ताल से निबटने के लिए हर संभव उपाय किए गए थे। सभी कोल परियोजनाओं व मुख्यालयों में कंट्रोल रुम स्थापित कर सभी पहलुओं की मानिटरिग की जा रही थी। हड़ताल से पानी-बिजली चिकित्सा को दूर रखा गया था। इससे किसी कर्मी को परेशानी न हो। प्रबंधन सुनियोजित ढंग से उत्पादन, उत्पादकता व प्रेषण में मुस्तैद रहा। हड़ताल के मद्देनजर सभी कोल परियोजनाओं में भारी संख्या में पुलिस व पीएसी बल तैनात किए गए थे।

संगठन के मुन्नीलाल, अरुण दुबे, मनोज सिंह, प्रेमलाल पटेल, सीपी सिंह, दद्दी प्रसाद, केडी तिवारी, एनके सिंह, केशव पांडेय, पीके सिंह समेत सभी केंद्रीय व परियोजना स्तर के पदाधिकारी परियोजनाओं में सुबह छ: बजे से ही हड़ताल को सफल बनाने के लिए पूरी तन्मयता से जुटे रहे।

शक्तिनगर प्रतिनिधि के अनुसार : एफडीआइ के विरोध में खड़िया परियोजना में बीएमएस के कार्यकर्ता प्रथम पाली में ही बस स्टैंड खदान बैरियर, सेंट्रल वर्कशाप के माइनस तिराहे पर झंडा-बैनर लगाकर एफडीआई के विरोध में नारेबाजी करते हुए शिफ्ट पर जाने वाले कर्मचारियों को रोकने का प्रयास किया गया। खड़िया के अध्यक्ष सकल नारायण ने कहा कि परियोजना में हड़ताल सफल रहा, जबकि प्रबंधन का कहना है कि हड़ताल का उत्पादन व उत्पादकता पर आंशिक असर पड़ा है। दिन-रात बैरियर पर जहां वाहनों की भीड़ लगी रहती थी हड़ताल के चलते वहां काफी राहत व सुनसान जैसा बना रहा है। आज की हड़ताल में अन्य संगठनों का साथ

एफडीआइ के विरोध में बीएमएस द्वारा सोमवार से पांच दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। जबकि एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस व अन्य संगठनों द्वारा 24 सितंबर को एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। आज सभी संगठनों द्वारा हड़ताल किए जाने से उत्पादन व उत्पादकता पर प्रतिकूल असर पड़ने की काफी संभावना व्यक्त की जा रही है। फिर भी प्रबंधन हर समस्याओं से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK