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समय से नहीं पहुंची एंबुलेंस, महिला की मौत

हाथीनाला थाना क्षेत्र के अतिदुर्गम इलाके में आबाद खोखा गांव की एक अधेड़ महिला की एंबुलेंस की अभाव में बुधवार को मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 06:16 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 09:37 PM (IST)
समय से नहीं पहुंची एंबुलेंस, महिला की मौत
समय से नहीं पहुंची एंबुलेंस, महिला की मौत

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : हाथीनाला थाना क्षेत्र के अति दुर्गम इलाके में आबाद खोखा गांव की महिला मानकुंवर चेरो (50) की एंबुलेंस के अभाव में बुधवार को मौत हो गई। गुरुवार को तड़के इसकी भनक लोगों को लगी तो खराब सिस्टम को लेकर लोग नाराजगी व्यक्त करने लगे। आरोप लगाया कि स्वास्थ्य महकमा खराब सड़क का बहाना बनाकर लोगों को मरने के लिए छोड़ दे रहा है। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि बीते आठ-नौ माह से गांव में एंबुलेंस नहीं आने से अब तक दर्जनों मौत हो चुकी है।

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दुरूह क्षेत्र के खोखा गांव में इन दिनों उल्टी, दस्त, बुखार का कहर जारी है। इसके चपेट में आकर दर्जनों लोग बीमार है। इन्हीं में से एक मानकुंवर चेरो (50) पत्नी स्व. रामदास की तबियत मंगलवार को शाम से खराब होने लगी। पहले तो परिजन घरेलू उपचार किए, जब उसकी हालत रात में अधिक बिगड़ने लगी तो परिजन संग अन्य ग्रामीणों ने आपात सेवा 108 डायल कर एंबुलेंस के लिए गुहार लगाना शुरू किया। पूरी रात वार्ता के बावजूद बार-बार दुद्धी सीएचसी पर तैनात एंबुलेंस चालक ने खराब सड़क का हवाला देते हुए वहां जाने से इन्कार करता रहा। रातभर जीवन मौत से संघर्ष करने वाली महिला बुधवार को तड़के दम तोड़ दी। परिजन खराब सिस्टम को कोसते-बिलखते देरशाम उनका अंतिम संस्कार कर दिया। बुधवार की रात एक अन्य ग्रामीण सालिक (50) की उल्टी-दस्त से हालत बिगड़ने लगी तो ग्रामीण फिर एंबुलेंस सेवा के लिए काल किया किन्तु पूरी रात वही रटारटाया जबाव सुन आक्रोशित ग्रामीण उसे बाइक से लेकर गुरुवार की तड़के अस्पताल पहुंचे उसे भर्ती कर उपचार कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब माह भर पूर्व देवजीत पटेल की पत्नी को देर शाम प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस दिन भी एंबुलेंस नहीं पहुंची। बाइक पर बैठाकर लोग गर्भवती को दुद्धी ला रहे थे कि जंगल के रास्ते में उसका प्रसव हो गया। कोई जानकारी न होने के कारण कुछ ही देर बाद नवजात की मौत प्रसव स्थल पर ही हो गई। बालू साइड से जर्जर मार्ग पूरी तरह हो गया खराब

दुद्धी तहसील क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में आबाद गांवों में से एक खोखा गांव भी है। खोखा गांव निवासी बीतन राम ने बताया कि करीब एक दशक पूर्व करोड़ों की लागत से जैसे तैसे जंगल पहाड़ में लगभग दस-बारह किमी संपर्क मार्ग का निर्माण हुआ था जो अनियमितता के कारण अपने निर्माणकाल में ही ध्वस्त हो चुका था। जो कुछ आपात स्थिति में आने जाने लायक बचा हुआ था वह खोखा बालू साइड चालू होने के बाद पूरी तरह से खराब एवं खतरनाक हो चुका है। स्थिति यह है कि जो कोई चार चक्के का वाहन लेकर जाता है, वह बीच रास्ते से ही वापस लौट आता है। कारण खतरनाक पहाड़ी मार्ग पर जरा सा संतुलन बनाने में चूक हुई तो वाहन सीधे गहरे खाई में चला जाएगा।

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दुर्गम इलाका, जर्जर सड़क लोगों के लिए जानलेवा

ओबरा (सोनभद्र) : सरकार की ओर से सड़क व स्वास्थ्य के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है लेकिन सोनभद्र के कुछ दुर्गम इलाकों में स्थिति ठीक नहीं हो पा रही है। जर्जर सड़क के कारण समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से अपने परिजनों की जान बचा पाने में लोग असमर्थ हो रहे है। इन इलाकों रेणुकापार इलाके में आए दिन कोई न कोई जान खराब सड़क के कारण जा रही है।

इसी वर्ष 27 मई को एम्बुलेंस के नहीं आने पर ओबरा में बीच सड़क पर प्रसव हुआ। तीन मई को जुगैल थाना क्षेत्र के अगोरी किला के समीप उधुवा नाला पर अनियंत्रित बाइक गड्ढे में जा गिरी। जिस पर सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान ग्रामीणों ने तत्काल एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन काफी समय बीतने के बावजूद एंबुलेंस नहीं आई। घायलों की हालत खराब होता देख ग्रामीणों ने डायल 100 को फोन किया। गत वर्ष 22 अक्टूबर को जुगैल थानान्तर्गत चौरा के पास चोपन-भरहरी मार्ग पर शाम को डंपर के धक्के से स्कूटी सवार दो लोग घायल हो गए। चौरा के पास सेतु निगम की डंपर से स्कूटी टकरा गई। जिसमें महिला को गंभीर चोटें आई। सात वर्षीय बालक को भी चोटें आई है। ग्रामीणों ने तत्काल एंबुलेंस को फोन लगाया लेकिन व्यस्तता की बात कह एंबुलेंस चालक ने आने से इन्कार कर दिया। किसी तरह बोलेरो से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन ले जाया गया। चार को रेणुकापार के ग्राम पंचायत बैरपुर के दुर्गम टेढ़ीतेन की गर्भवती अनीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन एंबुलेंस ने सड़क की खराबी को लेकर गांव आने से मना कर दिया। इस कारण महिला की हालत खराब होने लगी। किसी तरह टीपर से महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन लाया गया। उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। देरी के कारण हालत खराब होने पर उसे मीरजापुर भेज दिया गया जहां उसकी मौत हो गयी। सितंबर में ग्राम पंचायत पनारी के दुर्गम खैराही की 26 वर्षीय गर्भवती महिला कबूतरी पत्नी अयोध्या की एंबुलेंस के नहीं आने पर मौत हो गई थी।

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