भोजन मिलने से खिले प्रवासी मजदूरों के चेहरे
कोरोना महामारी में प्रवासी म•ादूरों की •िादगी में ऐसा भूचाल आया है कि दर्द को भी आंसू निकल रहे हैं। ऐसे कठिन समय में तमाम सामाजिक संगठन अपनी निस्वार्थ सेवा से जरूरदतमंदों के दर्द को बांटने की कोशिश में लगे हुए हैं।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : कोरोना महामारी में प्रवासी मजदूरों की जिदगी में ऐसा भूचाल आया है कि दर्द को भी आंसू निकल रहे हैं। ऐसे कठिन समय में तमाम सामाजिक संगठन जरूरदतमंदों के दर्द को बांटने की कोशिश में लगे हुए हैं। सोनभद्र जनपद की सीमा मध्य-प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ से लगी हुई है। इन राज्यों के लाखों प्रवासी मजदूर सोनभद्र होते हुए अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। रोमन कैथलिक चर्च इलाहाबाद धर्मप्रान्त द्वारा संचालित विद्यालय संत जोसफ स्कूल शक्तिनगर, संत फ्रांसिस स्कूल अनपरा, संत मेरीज स्कूल दुद्धी और संत जेवियर्स स्कूल राबर्ट्सगंज के संयुक्त तत्वाधान में हाथीनाला चौराहे से बसों से अपने प्रान्तों को जाने वाले प्रवासी मजदूरों को उपजिलाधिकारी रॉबर्ट्सगंज की अनुमति से मध्याह्न भोजन का वितरण किया गया। दोपहर में भोजन और पानी मिलने से सैकड़ों मजदूरों के चेहरे खिल उठे। इस दौरान सेवा प्रदाता बैप्टिस्ट डिसूजा, वलेरियन, फादर प्रेमप्रकाश, दीपक डिसूजा, अल्फ्रेड, मेरी, रजनी, सुनील सिरिल, प्रशान्त मणि त्रिपाठी और आनंद लकरा आदि ने सहयोग किया।