ओबरा डी के रेल नेटवर्क के लिए कवायद शुरू
ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित 1600 मेगावाट क्षमता के ओबरा डी को लेकर उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम ने सक्रियता बढ़ाई है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित 1600 मेगावाट क्षमता के ओबरा डी को लेकर उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम ने सक्रियता बढ़ा दी है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बाद अब निगम प्रबंधन ने ओबरा डी के लिए रेल नेटवर्क की कवायद शुरू की है। निगम के निदेशक मंडल ने रेल नेटवर्क की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए अनुमोदन प्रदान कर दिया है। निदेशक मंडल ने मेसर्स राइट्स को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इस कार्य के लिए 54 लाख लागत तय की गयी है। ओबरा डी के तहत 800-800 मेगावाट की दो इकाइयों की स्थापना की जाएगी। उत्पादन निगम के तहत ऐसा पहली बार होगा जब 800 मेगावाट क्षमता की इकाई की स्थापना होगी। पूर्व में ओबरा डी में 800 मेगावाट की एक और अनपरा ई 800 मेगावाट की एक इकाई स्थापित की जानी थी, लेकिन पिछले वर्ष ही निदेशक मंडल ने योजना में परिवर्तन कर दोनों इकाइयों को ओबरा डी के तहत ही स्थापना का निर्णय लिया। हालांकि 800 मेगावाट की एक इकाई के लिहाज से जमीनी स्तर पर भी कार्य शुरू हो गया था। उत्पादन निगम और पारेषण निगम की टीम द्वारा पिछले वर्ष ही अ तापघर का दौरा कर स्विच यार्ड के लिए आ रही बाधा का अध्ययन करने के साथ वैकल्पिक स्थान का मुआयना किया था। माना जा रहा था कि सेक्टर तीन स्थित छठ घाट ही ओबरा डी के लिए 220 केबी का स्विच यार्ड बनेगा। 220 केबी के स्विच यार्ड के लिए अ तापघर में अपेक्षित स्थान की कमी थी। इसके अलावा 132 केबी पारेषण लाइन के नये स्थान के लिए भी सर्वे हुआ था। प्रदेश की सबसे पुरानी तापीय परियोजनाओं में एक ओबरा अ तापघर की कुल आठ इकाइयों को हटाकर ओबरा डी के तहत 800 मेगावाट की एक इकाई लगाई जानी थी। अ तापघर में 50 मेगावाट की पांच एवं 100 मेगावाट की तीन इकाइयां मौजूद है। वर्तमान में सभी इकाइयां बंद हालत में हैं। बहरहाल अब दो इकाइयों के हिसाब से प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। नयी प्रक्रिया के तहत अब परियोजना आवासीय परिसर में स्थापित होगी। एनटीपीसी तैयार कर रहा डीपीआर
ओबरा डी के लिए एनटीपीसी द्वारा ओबरा कालोनी परिसर के लिहाज से फिजीबिलिटी रिपोर्ट व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायी जा रही है। योजना के तहत परियोजना कालोनी के सभी सेक्टरों का टोपोग्राफिकल सर्वे हो गया है। उत्पादन निगम द्वारा परियोजना कालोनी के सेक्टर 1, 2, 3, 4, 8 एवं 9 के टोपोग्राफिकल सर्वे का निर्देश दिया गया था। इस सर्वे का उपयोग प्रस्तावित ओबरा डी के लिए बनाए जाने वाले फिजिबिलिटी रिपोर्ट व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में किया जा रहा है। फिलहाल नये प्रस्ताव के तहत 2027 तक पहली इकाई तथा 2030 तक दूसरी इकाई के स्थापना की योजना है। उत्पादन निगम की क्षमता में होगी वृद्धि
प्रस्तावित ओबरा डी को लेकर चल रही कवायद को देखते हुए भविष्य में उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम की क्षमता में और वृद्धि होगी। फिलहाल उत्पादन निगम की उत्पादन क्षमता 5474 मेगावाट है। जिसमें आने वाले दिनों में सात हजार मेगावाट से ज्यादा की वृद्धि होनी है। वर्तमान में कुल 6225 मेगावाट की इकाइयां निर्माणाधीन हैं। इसमें उत्पादन निगम के तहत 3960 मेगावाट तथा संयुक्त उपक्रम के तहत 2265 मेगावाट क्षमता की इकाइयां निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा ओबरा डी के तहत 800-800 मेगावाट की दो इकाइयों का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाया जा रहा है। इस इकाई के आने पर उत्पादन निगम की क्षमता में कुल 7825 मेगावाट की वृद्धि हो जाएगी।