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चुनाव कर्मी करेंगे शान की सवारी, नहीं लगेगा झटका

इस बार पोलिग पार्टियों को मतदान केंद्रों पर पहुंचने के लिए ज्यादा झटके नहीं खाने होंगे। जी हां इस बार परिवहन विभाग इस प्रयास में है कि पोलिग पार्टियों को ट्रक जैसे वाहनों से उनके गंतव्य तक न पहुंचाया जाए। विदित हो कि चुनाव के दौरान पोलिग पार्टियों को रवाना करने के लिए भारी संख्या में वाहनों का प्रयोग होता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 05:22 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 05:22 PM (IST)
चुनाव कर्मी करेंगे शान की सवारी, नहीं लगेगा झटका
चुनाव कर्मी करेंगे शान की सवारी, नहीं लगेगा झटका

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए पोलिग पार्टियां केंद्रों पर जाने व आने में शान की सवारी करेंगी। ..क्योंकि अब उन्हें ट्रकों से नहीं बल्कि बस व चारपहिया वाहनों से यात्रा करना है। ऐसे में उन्हें केंद्र तक पहुंचने में न तो ज्यादा झटका लगेगा न हिचकोले ही खाएंगे। ऐसे में परिवहन विभाग इसकी व्यवस्था में लग गया है।

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मतदान के लिए पोलिग पार्टियों को रवाना करने के लिए भारी संख्या में वाहनों का प्रयोग होता है। इसके लिए जिले के सरकारी कार्यालयों के साथ ही निजी वाहनों का प्रयोग किया जाता है। इस बार अधिकारी चुनाव के लिए ट्रकों के स्थान पर बसों का प्रयोग अधिक करना चाहते हैं, यदि ऐसा हुआ तो ट्रक मालिकों के लिए यह राहत भरी खबर होगी, वहीं मतदान कार्य में लगे कर्मचारियों को भी सुकून मिलेगा। मतदान के एक दिन पहले पोलिग पार्टियां रवाना हो जाती हैं। एक पार्टी में कम से कम आधा दर्जन लोग होते हैं। इसके साथ ही बूथ में मतदाताओं की संख्या के अनुसार ही उनको ईवीएम व अन्य सामग्री ले जाना होता है। पार्टियों के मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए परिवहन विभाग जिले से सरकारी व निजी वाहनों को अधिग्रहण करता है। पोलिग पार्टियों को बस के स्थान पर ट्रक से रवाना किया जाता है लेकिन अब वह ट्रक में सफर करने में परहेज करने लगे हैं। मजबूरन उनको दबाव में ट्रक पर सवार होकर जाना पड़ता है। ऐसे में इस बार जिला निर्वाचन अधिकारी ने ट्रक के स्थान पर बसों के प्रयोग अधिक करने का निर्देश दिया है। एआरटीओ (प्रवर्तन) एसपी सिंह ने बताया कि इस बार पूरी कोशिश है कि चुनाव कर्मी बस से यात्रा करें, न कि ट्रक से। बावजूद इसके चुनावी प्रक्रिया में इस बार 100 के आसपास ट्रकों का अधिग्रहण किया गया है। कहा कि कर्मचारी भी बस की अपेक्षा ट्रक पर सफर करना पसंद नहीं करते। ऐसे में इस बार बसों का प्रयोग ज्यादा किया जाएगा। इसको लेकर योजना बनाई जा रही है। जिले में बसें कम पड़ी तो बाहर से बसों को किराए पर लिया जा सकता है। इस योजना पर भी विचार किया जा रहा है। दस प्रतिशत रिजर्व वाहन

एआरटीओ (प्रवर्तन) एसपी सिंह ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया सकुशल सम्पन्न हो इसके लिए जितने वाहनों की आवश्यकता है उसके सापेक्ष दस प्रतिशत वाहन अतिरिक्त खड़ा कराया जाएगा, ताकि अगर कहीं कोई समस्या हुई तो तत्काल वहां पर वाहन पहुंच सके। श्री सिंह ने बताया कि बसों की उपलब्धता के आधार पर चुनाव में लगाया जाएगा। इतने वाहन होंगे चुनाव में

पोलिग बूथ : 1475

बस व मिनी बस : 400

ट्रक : 100

चारपहिया वाहन : 450


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