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आठ साल बाद भी नहीं शुरू हो सका एकलव्य विद्यालय

जागरण संवाददाता, कोन (सोनभद्र) : इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे कि नवोदय विद्यालय की तर्ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 11:08 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 11:08 PM (IST)
आठ साल बाद भी नहीं शुरू हो सका एकलव्य विद्यालय
आठ साल बाद भी नहीं शुरू हो सका एकलव्य विद्यालय

जागरण संवाददाता, कोन (सोनभद्र) : इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आदिवासियों के लिए बसपा शासनकाल से बन रहा विद्यालय आज तक शुरू नहीं हो सका। इससे आदिवासियों के बच्चों को अभी तक पढ़ाई के साथ सुविधाओं को तरसना पड़ा। इसे चाहे शासन की उदासीनता करें या प्रशासन लेकिन आठ साल तक का दंश तो झेलना पड़ा क्षेत्र के लोगों को।

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आदिवासियों के बच्चों को उचित व बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मायावती के शासनकाल में एकलव्य आवासीय विद्यालय की स्वीकृति कोन क्षेत्र के पिपरखाड़ ग्राम पंचायत में मिली। उस दौरान विद्यालय का तत्कालीन विधायक सत्यनारायण जैसल व तत्कालीन जिलाधिकारी पंधारी यादव द्वारा 24 मई 2011 को स्कूल की आधारशिला रखी गई। निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम को दी गई।

उस वक्त यह कार्य पांच साल यानी 2016 में पूरा होना था। इसके बाद विद्यालय में बच्चों का पठन पाठन शुरू होना था लेकिन दुर्भाग्य कहें या क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सुस्ती कि अभी तक विद्यालय शुरू नहीं हो सकी है। छात्रावास का तो कुछ हिस्सा तैयार है लेकिन विद्यालय अभी तक नहीं पूरा हो सका है। क्या बनीं स्थिति

विद्यालय का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद 2012 में चुनाव हुआ और बसपा की सरकार चली गई। उसके बाद सपा की सरकार प्रदेश में बनीं। हालांकि उस दौरान क्षेत्रवासियों की मांग पर सपा के सदर विधायक अविनाश कुशवाहा की पहल हुई। उस दौरान तो पता चला कि इस विद्यालय में आवासीय होने के बावजूद अभी छात्रावास के लिए धन नहीं मिला है और न ही निर्माण शुरू हुआ।

किसी तरह श्री कुशवाहा ने पहल कर 5 अप्रैल 2013 को सांसद पकौड़ी लाल कोल व विधायक अविनाश कुशवाहा ने 240 बेड के छात्रावास की आधारशिला रखी। इसके बाद कार्यदायी संस्था को फटकार लगाई कि यह विद्यालय अपने समय पर पूरा हो और क्षेत्रवासियों को लाभ मिले। लेकिन लाभ मिलना तो दूर अभी भी इस विद्यालय में बि¨ल्डग का कार्य नहीं पूरा हो सका है।

यही नहीं यह कोई बताने वाला जिम्मेदार भी नहीं है कि यह निर्माण कब तक पूरा होगा। यही नहीं गतदिवस क्षेत्र में आये प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के इस बयान ने लोगों को निराश कर दिया कि केंद्र सरकार आदिवासियों बच्चों के लिए एकलव्य स्कूल की रूपरेखा तैयार कर रही है। ऐसे में लोगों का कहना है कि जब सरकार रूपरेखा तैयार कर रही है तो न जाने कब विद्यालय का निर्माण पूरा हो सकेगा। जबकि इस विद्यालय पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च किये जा चुके हैं। अवाक रह गए भाजपा नेता

वहीं इस स्कूल की रूपरेखा देखने पहुंचे भाजपा जिला उपाध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता व भाजपा मंडल अध्यक्ष शशांक शेखर मिश्रा ने बि¨ल्डग देख आवक हो गये। देखा कि बने भवन में कई बीम नीचे झुक गई है वहीं सपा सरकार में जिलाधिकारी ने भी इसकी शिकायत शासन में की थी। बावजूद इसके अभी तक उसका कोई असर नहीं पड़ सका है। ऐसे में लगता है कि करोड़ों रुपये खर्च होने के वावजूद भी यहां के आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा की व्यवस्था से वंचित होना पड़ रहा है।


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