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पद्मभूषण नीरज के निधन से साहित्य जगत मर्माहत

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पद्मभूषण कवि व गीतकार गोपालदास नीरज के निधन की खबर लगते ही सोनांचल के साहित्यकार मर्माहत हो गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 09:20 PM (IST)
पद्मभूषण नीरज के निधन से साहित्य जगत मर्माहत
पद्मभूषण नीरज के निधन से साहित्य जगत मर्माहत

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पद्मभूषण कवि व गीतकार गोपालदास नीरज के निधन की खबर लगते ही सोनांचल के साहित्यकार मर्माहत हो गए। शुक्रवार को जगह-जगह शोकसभा कर विह्वल भावों से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान कवि नीरज के साथ बिताए अतीत को एक-एक कर याद किया गया। साहित्यकारों ने उनके निधन को साहित्य जगत की अपूर्णनीय क्षति बताया।

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राब‌र्ट्सगंज नगर में मधुरिमा साहित्य गोष्ठी, लोकवार्ता शोध संस्थान, ¨वध्य संस्कृति शोध समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक गोष्ठी हुई। वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में शोकसभा की गई। मौजूद साहित्यकारों ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इसमें अजय शेखर ने कहा कि पद्मभूषण गोपालदास नीरज का निधन साहित्य जगत की अपूर्णनीय क्षति है। उनका सोनभद्र से विशेष लगाव था। इसी कारण वह 2010 तक मधुरिमा साहित्य गोष्ठी द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेते रहे। अपनी कविताओं के माध्यम से यहां के श्रोताओं को आनंदित करते रहे। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार डा. अर्जुनदास केसरी, दीपक कुमार केसरवानी, कमलेश राजहंस, नजर मोहम्मद नजर, अब्दुल हई, जितेंद्र बहादुर ¨सह आदि मौजूद रहे ।

वहीं संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शोकसभा की गई। यहां प्राचार्य डा. गोपाल ¨सह ने कहा कि कवि नीरज के निधन से साहित्य जगत का एक स्तंभ ढह गया। वे हम सभी के बीच अपने शब्द, पंक्तियों, कविताओं के माध्यम से अमर हैं। शोकसभा में रामप्रवेश मौर्या, विनय मिश्र, मनोज श्रीवास्तव, निशा ¨सह, हरीश ¨सह, शैब्या ¨सह आदि मौजूद रहे। सोन साहित्य संगम के कार्यालय में हुई शोकसभा

सोनभद्र : पद्मभूषण गोपालदास नीरज के निधन पर सोन साहित्य संगम के नगर स्थित कार्यालय में शुक्रवार को शोकसभा हुई। इस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के निदेशक पं. अजय शेखर, सोन साहित्य संगम के निदेशक योगेश शेखर, कवि व साहित्यकार पारस नाथ मिश्र, कथाकार रामनाथ शिवेंद्र, साहित्यकार ओम प्रकाश त्रिपाठी, गीतकार जगदीश पंथी, साहित्यकार सुधाकर स्वदेश प्रेम, साहित्यकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी, शहीद स्थल प्रबंध ट्रस्ट के प्रद्युम्न तिवारी, वरिष्ठ साहित्यकार सुशील राही, पत्रकार कपिल देव पांडेय, डा. रमेश, प्रभात ¨सह चन्देल, सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र, अनिल कुमार मिश्र, नीतीश कुमार चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे। स्वामी सत्यानंद योग विद्यालय के संचालक श्यामानंद सरस्वती भी उपस्थित रहे। प्राणों के गीतों का गायक एकाएक हो गया मौन

जासं, अनपरा : पांच दशकों से ¨हदी काव्य मंचों पर गीतों की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करने वाले पद्मभूषण गोपालदास नीरज के निधन का समाचार सुनते ही रिहंद साहित्य मंच के साहित्यानुरागियों एवं साहित्यकारों में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार को रिहंद साहित्य मंच ने सदी के श्रेष्ठ गीतकार नीरज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक शोकसभा के दौरान उनके कृतित्व को याद किया। मंच के संरक्षक कवि एवं साहित्यकार डा. दिनेश दिनकर ने नीरज के कालजयी कृतियों के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा प्राणों के गीतों का गायक गाते-गाते एकाएक मौन हो गया और रह गई हैं उनके गीतों की गूंज जो अधरों से अमृत धार बनकर झलकती रहेंगी। संस्था के अध्यक्ष अभिषेक टंडन ने कहा पद्मभूषण नीरज का निधन ¨हदी काव्य जगत की अपूरणीय क्षति है। महासचिव मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा पद्मभूषण नीरज का व्यक्तित्व गीतमय था। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में नर¨सह यादव, डीएस त्रिपाठी, रामजी द्विवेदी, आरडी दुबे, देवी प्रसाद पांडेय, अरुण कुमार श्रीवास्तव, मनीष कुमार मिश्र एवं कौशलेष दुबे आदि साहित्य प्रेमियों ने भी अपने-अपने सम्बोधन के जरिए गोपालदास नीरज के निधन को ¨हदी जगत की भारी क्षति बताया।


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