विभागीय कार्य प्रणाली से अधिवक्ताओं में असंतोष
जासं, सोनभद्र : दी सोनभद्र टैक्स बार एसोसिएशन की वाणिज्य कर विभाग के बार कक्ष में सोमवार को बैठक हुई
जासं, सोनभद्र : दी सोनभद्र टैक्स बार एसोसिएशन की वाणिज्य कर विभाग के बार कक्ष में सोमवार को बैठक हुई। इसमें विभागीय कार्य प्रणाली पर उपस्थित सदस्यों द्वारा चर्चा करते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। बताया गया कि आए दिन जीएसटी पोर्टल सही तरीके से काम न करने के कारण व्यापारियों एवं कर दाताओं का रिटर्न समय से दाखिल नहीं हो पा रहा है। विभागीय गलती का खामियाजा लेट फीस के रूप में करदाताओं को देना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारी द्वारा प्रथम अपील एवं द्वितीय अपील द्वारा पारित आदेशों के अनुक्रम में आरोपित कर को समाप्त या कम न करने के कारण भी करदाताओं एवं अधिवक्ताओं में असंतोष है। विभागीय दिशा-निर्देशों के बावजूद अधिकारियों द्वारा कर दाताओं के रिफंड का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। तमाम नोटिफिकेशन के बाद भी वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के द्वारा बार-बेंच की मी¨टग न कराए जाने के कारण संघों में आक्रोश है। वहीं वाणिज्य कर आयुक्त को पत्र भेजकर मनमाने तरीके से कार्य करने वाले अधिकारियों के बारे में अवगत कराया गया। बैठक में बार अध्यक्ष अखिलेश कुमार पांडेय, महासचिव अशोक कुमार ¨सह, राकेश शरण मिश्रा, पवन शर्मा, मकसूद अली आदि अधिवक्ता मौजूद थे।
वहीं दी टैक्स बार एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को नामित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। अध्यक्ष प्रदीप कुमार बगड़िया ने बताया कि जीएसटी एक्ट की धारा 35, 5 में वर्णित प्राविधानों में संसोधन कर प्रमाणीकरण का अधिकार अधिवक्ताओं को दिया जाए। जीएसटी एक्ट के नियम-83 को भी समाप्त किया जाए। महामंत्री प्रदीप कुमार जायसवाल ने कहा कि अधिवक्ताओं की तमाम समस्याओं व मांगों को केंद्र सरकार को भेजी गई है। सरकार अधिवक्ता हित में पांच हजार करोड़ का प्रस्ताव पारित करे, जिससे मांगें पूरी हो सके।