खनन उद्योग को चालू कराने को लेकर प्रदर्शन
जागरण संवाददाता सोनभद्र जिले में बंद पड़े खनन व क्रशर प्लांट संचालन की मांग को लेकर शुक्रवार को पत्थर उद्योग बचाओ समिति के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नामित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। मांग किया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जनपद में लंबे समय से बंद चल रहे पत्थर उद्योग को पुन प्रारंभ किया जाए। बंद पड़े खदानों का नवीनीकरण
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में बंद पड़े खनन व क्रशर प्लांट संचालन की मांग को लेकर शुक्रवार को पत्थर उद्योग बचाओ समिति के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नामित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। मांग की कि जनहित को ध्यान में रखते हुए जनपद में लंबे समय से बंद चल रहे पत्थर उद्योग को पुन: प्रारंभ किया जाए। बंद पड़े खदानों का नवीनीकरण किया जाए और वन विभाग की मनमानी पर प्रभावी अंकुश लगाया जाएं।
प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि बिल्ली-मारकुंडी में छोटे-बड़े करीब 400 क्रशर प्लांट हैं। इसकी अनुमानित लागत 12 सौ करोड़ रुपये है। इसमें परोक्ष व अपरोक्ष रूप से हजारों श्रमिक काम करके अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं। खनन बंदी के कारण आज स्थिति बहुत ही भयावह हो गई है। क्रशर प्लांट बंद होने से व्यापारियों का बैंक लोन नहीं भरा जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर हजारों की संख्या में श्रमिक बेरोजगार होकर पलायन की स्थिति में है। कहा कि वन विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है, जिसके कारण हम लोग विस्थापन की स्थिति में है। अगर हम लोगों को विस्थापित किया गया तो व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। व्यापारियों ने कहा कि शासन द्वारा जो भी ई-नीलामी किया गया वह पूरी तरह से सफल नहीं हो सका है, इसलिए इस विषय पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। मांग करते हुए कहा कि खनन नियम को थोड़ा नरम करते हुए पुराने व्यापारियों को राहत दिया जाए, और नवीनीकरण का कार्य प्रारंभ किया जाए। चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हम लोगों की मांग को पूरा नहीं किया गया तो व्यापारी अपने हक के लिए व्यापक आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
इसमें अरुण कुमार, नंदलाल पांडेय, मनोज गुप्ता, अजय कुमार, सुनील कुमार सिंह, शिवशंकर आदि थे।