उपकोषागार हटाने को लेकर दूसरे दिन भी प्रदर्शन
तहसील मुख्यालय से उपकोषागार हटाए जाने पर भड़के अधिवक्ताओं एवं स्टांप वेंडरों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस क्रम में आक्रोशित अधिवक्ताओं एवं वेंडरों ने बंद पड़े उपकोषागार के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : तहसील मुख्यालय से उपकोषागार हटाए जाने पर भड़के अधिवक्ताओं एवं स्टांप वेंडरों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस क्रम में आक्रोशित अधिवक्ताओं एवं वेंडरों ने बंद पड़े उपकोषागार के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही अधिवक्ताओं की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी के यहां विरोध दर्ज कराने को जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुआ।
इसके पूर्व गुरुवार की शाम राज्यसभा सांसद राम शकल से भी प्रतिनिधि मंडल मुलाकात कर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई। इस पर सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दुद्धी उपकोषागार की व्यवस्था पूर्ववत करने की मांग रखी। शुक्रवार को संयुक्त बार के अधिवक्ताओं ने कुलभूषण पांडेय की अगुवाई में ताला लटके उपकोषागार पर प्रदर्शन करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटिश हुकुमत में अंग्रेजों ने दुद्धी को अपना मुख्यालय बनाया हुआ था तब से यहां खजाने का संचालन होता चला आ रहा है। इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके लिए सड़क से लेकर सदन तक इसकी लड़ाई लड़ी जायेगी। इसके अलावा आक्रोशित वक्ता ने कहा कि बीते कुछ वर्षों से जिला मुख्यालय की मांग में तेजी देख कुछ साजिशकर्ताओं ने एक सुनियोजित तरीके से दुद्धी तहसील मुख्यालय पर उपलब्ध सुविधाओं को हटाने में लगे हुए हैं। इसे कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। प्रदर्शन के बाद आन्दोलनकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलने जिला मुख्यालय रवाना हुआ। इसमें रामपाल जौहरी, आइजेड खां, जितेन्द्र श्रीवास्तव, मनोज मिश्रा, दिलीप पांडेय, छोटेलाल, आनंद कुमार, राकेश श्रीवास्तव आदि थे। कोषागार से संबद्ध करने का विरोध
घोरावल (सोनभद्र) : घोरावल तहसील में स्थित उपकोषागार को जनपद के कोषागार में संबद्ध कर देने से स्टांप वेंडरों में भारी नाराजगी देखने को मिली। शुक्रवार को स्टांप वेंडर कपिल देव सिंह की अगुवाई में सभी स्टांप विक्रेता हड़ताल पर बैठ गए।
वक्ताओं ने कहा कि स्थानीय उप कोषागार को सोनभद्र मुख्यालय से संबद्ध कर देने से स्थानीय तहसील क्षेत्र के लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ेगा। प्रतिवर्ष यहां से करोड़ों रुपए का राजस्व जमा किया जाता है। वहां से स्टांप लाने में काफी समय तथा आवागमन में होने वाले खर्च का भी नुकसान उठाना पड़ेगा। ट्रेजरी के स्थानांतरण से स्टांप विक्रेता प्रभावित हुए। वेंडरों की मांग है कि ट्रेजरी कार्यालय को पुन: घोरावल तहसील में ही संचालित किया जाए। रामनिहोर, जागेश्वर, अमरनाथ, बृजेश कुमार मौर्य, अजय कुमार, विनोद कुमार, रामेश्वर नाथ मिश्रा समेत समस्त स्टांप वेंडर हड़ताल पर रहे।