आठ हजार मेगावाट तक लुढ़की बिजली की मांग
जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) तापमान में निरंतर हो रही कमी के कारण बिजली की मांग।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : तापमान में निरंतर हो रही कमी के कारण बिजली की मांग लगातार कम होते जा रही है। बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने के कारण मांग में रिकार्ड कमी दर्ज की हुई। दिन के तीन बजे बिजली की अधिकतम मांग 7 हजार 943 मेगावाट तक लुढ़क गई। हालत यह है कि कई इकाइयों की बंदी के बावजूद चालू इकाइयों से 40 फीसद तक उत्पादन कम कराया गया है। इससे उत्पादन इकाइयों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। चालू नवंबर माह में लगातार बिजली की मांग कम होते जा रही है। पिछले एक सप्ताह के दौरान यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आकड़ों पर नजर डाला जाए तो 11 नवंबर को प्रतिबंधित मांग 280.3 मिलियन यूनिट, 12 को 278.5 मियू, 13 को 279.5 मियू,14 को 264.5 मियू, 15 को 237 मियू तथा 16 नवंबर को मात्र 204.6 मियू दर्ज की गई। मंगलवार की रात को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 236.9 मिलियन यूनिट दर्ज की गई। मांग में कमी के कारण बुधवार दिन में तीन बजे उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इकाइयों से मात्र 1704 मेगावाट तथा अन्य इकाइयों से मात्र 2941 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। उधर, रिहंद जलविद्युत गृह से उत्पादन शून्य करा दिया गया है। जलविद्युत उत्पादन घटकर मात्र 79 मेगावाट के करीब ही रह गया। मांग में कमी के कारण 14 इकाइयों को लगातार बंद रखा जा रहा है। मांग में कमी के कारण उत्पादन निगम की जहां कुल 1420 मेगावाट क्षमता की छह इकाइयां तथा निजी और केंद्रीय सेक्टर को कुल 2630 मेगावाट क्षमता की भी आठ इकाईयां बंद कराई गई है। उत्पादन निगम की परीछा और हरदुआगंज परियोजना की सभी इकाइयों को बंद रखा जा रहा है। हरदुआगंज की 250 मेगावाट की दो इकाई तथा परीछा परियोजना की 210 मेगावाट की दो तथा 250 मेगावाट की भी दो इकाइयों को बंद रखा जा रहा है। ओबरा और अनपरा परियोजना की इकाइयों से भी उत्पादन कम कराया गया है।