थोड़े सहयोग से दीपिका को मिलेगी जिदगी दोबारा
आदिवासी बाहुल्य इलाका म्योरपुर ब्लाक के बिश्रामपुर निवासी दीपिका मिश्रा की किडनी खराब हो चुकी है। उसे बदलने में जो खर्च आएगा उसका काफी हिस्सा जिदगी मिलेगी दोबारा संस्था की ओर से जुटाया जा चुका है। बस अगर चंद सहयोग और मिल जाए तो वाकयी दीपिका को दोबारा जिदगी मिल जाएगी।
जासं, सोनभद्र: आदिवासी बाहुल्य इलाका म्योरपुर ब्लाक के बिश्रामपुर निवासी दीपिका मिश्रा की किडनी खराब हो चुकी है। उसे बदलने में खर्च का काफी हिस्सा जिदगी मिलेगी दोबारा संस्था की ओर से जुटाया जा चुका है। अब दीपिका की जिदगी उस मोड़ पर आकर रुकी है, जहां परिवार की आर्थिक हालात जवाब दे चुके हैं। वहीं पीड़िता की बड़ी बहन ने अपनी किडनी दान करने के लिए हामी भर दी है।
डा. संजय अग्रवाल बताते हैं कि दीपिका के पिता आइआइटी रूड़की में अनुबंध पर सिक्योरिटी सुपरवाइजर हैं। उनका परिवार गांव में ही रहता है। यह बच्ची बचपन से ही किडनी रोग से पीड़ित है और स्थानीय स्तर पर उपचार में लाभ न होने के कारण विगत तीन वर्षों से दिल्ली में वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डा. साधना अग्रवाल की निगरानी में उपचार हो रहा है। बच्ची का महीने में दो बार डायलिसिस किया जाता था, परंतु गत चार महीनों से डायलिसिस का प्रभाव नहीं हो रहा है और बच्ची अब क्रॉनिक रीनल फेलियर की स्थिति में है। ऐसे में उसका किडनी बदला जाना ही जीवन रक्षा का एकमात्र उपाय है। बच्ची का ट्रॉन्सप्लांट एम्स दिल्ली में कराने की कोशिश की गई लेकिन, वहां 2020 के मार्च महीने से पहले समय नहीं मिला। ऐसे में डा. साधना के परिचित किडनी रोगों के प्रसिद्ध कॉन्टीनेंटल हॉस्पिटल हैदराबाद में उपचार करवाने का निर्णय लिया है। वहां जो खर्च आएगा उसकी व्यवस्था के लिए सेवा-संस्था जिदगी मिलेगी दोबारा फांउडेशन की तरफ से करा दिया गया है। साथ ही पीड़िता की बड़ी बहन ने किडनी भी दान करने के लिए हामी भर दी है। ऐसे में अगर दीपिका के परिवार को थोड़ी आर्थिक मदद मिले तो उसे दोबारा जिदगी जरूर मिल जाएगी।