बिना दूसरी जांच के ही स्वस्थ घोषित कर भेज रहे घर
जागरण संवाददाता सोनभद्र जिले में कोरोना को लेकर हायतौबा मची हुई है। लेकिन उसके उपचार को लेकर सवाल उठ रहे हैं। होम आइसोलेट होने वाले रोगियों के घरों की जांच तक नहीं की जा रही है। पाजिटिव रोगियों में कोरोना बीमारी का कोई लक्षण तक नहीं दिख रहा है। पहले रोगियों को 14 दिन के लिए
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में कोरोना को लेकर हायतौबा मची हुई है। लेकिन उसके उपचार को लेकर सवाल उठ रहे हैं। होम आइसोलेट होने वाले रोगियों के घरों की जांच तक नहीं की जा रही है। पॉजिटिव रोगियों में कोरोना का कोई लक्षण तक नहीं दिख रहा है। पहले रोगियों को 14 दिन के लिए आइसोलेट किया जाता रहा है लेकिन अब तो चार-पांच दिन में ही बिना दूसरी जांच के ही उन्हें स्वस्थ घोषित कर घर भेज दिया जा रहा है।
जिले में मंगलवार को 57 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इस तरह जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 703 हो गई है। कोविड-एक अस्पताल में रोगियों के साथ बरती जा रही लापरवाही नई नहीं है। कभी खाने में कोताही तो कभी उनके उपचार व साफ सफाई का मामला उठता रहा है। कोरोना संक्रमित मिले पांच एनसीएल रोगियों द्वारा कोविड-एक अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही का वीडियो जारी होने के बाद एनसीएल ककरी व बीना में कर्मचारियों के कई घंटे हड़ताल का मामला सभी जानते है। हालांकि इन कर्मियों को 24 घंटे के भीतर ही दबाव के चलते होम आइसोलेशन के लिए छोड़ दिया गया जबकि उनके आवास में एक ही शौचालय है। ताजा मामले ने तो सभी को सोचने पर विवश कर दिया है। जिला अस्पताल के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी ही उपचार को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। उनका कहना है कि कोरोना पॉजिटिव रोगियों की उपचार के दौरान दूसरी जांच तक नहीं कराई जा रही है और उन्हें स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र दे दिया जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक चिकित्सक ने कहा कि जांच होने पर कोरोना संक्रमित की पहचान होती है। उसे कोविड एक अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। उपचार के कुछ दिनों बाद दूसरी जांच भी होनी चाहिए। यदि यह रिपोर्ट निगेटिव है, तब रोगी को छोड़ना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। 14 दिन के आइसोलेसन की बजाय चार से पांच दिनों में ही रोगियों को छुट्टी दे दी जा रही है। छुट्टी देने के पीछे भ्रष्टाचार तो नहीं
दबी जुबान कुछ चिकित्सकों ने यहां तक कह दिया कि कोरोना कमाई का साधन बन गया है। रोगियों को 14 दिनों की बजाय चार से पांच दिनों में ही छुट्टी दे दी जा रही है, जबकि कागजों पर उन्हें 14 दिन आइसोलेशन की रिपोर्ट भेजी जा रही है। खानपान, अन्य व्यवस्था में कमाई का साधन बन गया है। सात कोरोना रोगी हुए स्वस्थ
अनपरा : एनसीएल के नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में कोरोना का इलाज करा रहे मरीजों में से सात लोगों की रिपोर्ट सोमवार को निगेटिव आने पर उन्हें चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में 22 मरीजों का इलाज जारी हैं। जिसमें से 13 एनसीएल कर्मी व उनके परिजन तथा नौ रोगी आसपास क्षेत्रों के हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए •ालिा प्रशासन से समन्वय के साथ नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में कोविड मरीजों के लिए 50 बेड के आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था की गयी हैं। गौरतलब है कि कोविड -19 के क्षेत्र में तीव्र प्रसार के दृष्टिगत जयंत क्षेत्र में कोविड मरीजों के समुचित इलाज के लिए अतरिक्त सौ बेड की व्यवस्था भी एनसीएल प्रबंधन ने किया है। अनपरा में 27 व सिगरौली में मिले 25 कोरोना संक्रमित
अनपरा : ऊर्जांचल की औद्योगिक इकाईयों में कोरोना संक्रमण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को जारी सूची में लैंको परियोजना के नौ, रेणुसागर में 13 समेत अनपरा व परासी में कुल 27 कोरोना के मरीज पाएं गए है। कोरोना पीड़ित लोगों के घर के आसपास कंटेनमेंट एरिया घोषित कर अग्रिम कार्रवाई की जा रहा हैं। कोरोना संक्रमण के प्रसार का यही क्रम जारी रहा तो कोल व तापीय परियोजनाओं में उत्पादन-उत्पादकता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता हैं। जिला प्रशासन द्वारा ऊर्जाचंल में संक्रमण से बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। मंगलवार को बीना डीएवी स्कूल में कोरोना जांच के लिए लगाए गए कैंप में महज 43 लोगों ने ही जांच कराई। सिगरौली जनपद में भी मंगलवार को एक साथ 25 कोरोना पाजिटिव केस पाएं गए हैं। जिनमें 21 लोग पचौर जेल के बंदी हैं। सभी को आइसोलेशन वार्ड व कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट किया गया हैं।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए कराया गया सैनिटाइज
जागरण संवाददाता, रेणुकूट (सोनभद्र) : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इससे बचने के लिए हिडाल्को में मंगलवार को संस्थान तथा आस-पास के क्षेत्रों में चौथी बार सैनिटाइज कराया गया। सेफ्टी विभाग के ललित पाल के नेतृत्व में सैनिटाइज किया गया। पुलिस स्टेशन, एसबीआई, हिडाल्को मुख्यद्वार, शॉपिग मॉल अतिथि गृह, विश्राम गृह, हॉस्पिटल, रक्तदान केन्द्र आदि जगहों में अग्निशामक वाहन के माध्यम से सैनिटाइज का छिड़काव किया गया। बता दें कि कुछ दिन पहले हिडाल्को कॉलोनी तथा प्लांट में कर्मचारियों एवं रहवासियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से काढ़ा वितरण भी किया गया था। काढ़ा पिलाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बताए गए गुण
जागरण संवाददाता, बीजपुर (सोनभद्र) : जिलाधिकारी के निर्देश पर म्योरपुर ब्लाक के नेमना गांव में मंगलवार को दर्जनो ग्रामीण और बुजुर्गों को जड़ी-बूटी से तैयार आयुष काढ़ा पिलाया गया। डा. अनिल कुमार मिश्रा, अशोक कुमार दिनकर, ग्राम प्रधान सीताराम एवं विद्यालय के शिक्षकों के सहयोग से गिलोय सोंठयुक्त अदरख मिर्च लौंग आदि का मिश्रण से औषधीय काढ़ा तैयार कर 55 वर्ष से ऊपर महिलाओं एवं पुरुषों को काढ़ा पिला कर कोरोना से बचाव के उपाय बताए गए। ग्राम प्रधान ने कहा कि कोविड-19 के तहत शरीर में रोग के प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह आयुष काढ़ा प्रभावशाली ढंग से कार्य करता है। चिकित्सकों ने कहा कि सभी ग्रामीण अपने घरों में चाय के स्थान पर सुबह-शाम काढ़ा का सेवन करें। बरसात के मौसम में स्वच्छता का ध्यान रखने, एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रहने तथा हर समय मुंह पर मास्क लगाए रखने के लिए प्रेरित किया। घर में गर्म पानी का प्रयोग करने की सलाह दी गई। इस अवसर पर ज्वालाप्रसाद विश्वकर्मा, रामदयाल, सुभाष, राधेश्याम आदि उपस्थित रहे।