पत्थर खदान में गिरने से मासूम की मौत
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र की एक खदान में गिरने से दो वर्षीय बालक की मौत हो गयी। घटना सुबह 10 बजे के करीब की बताई जा रही है। बिल्ली में पिछले दिनों चालू हुई एक खदान के के उपरी हिस्से में गिरे मलबे में पत्थर चुनने का कार्य कुछ मजदूर कर रहे थे।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र की एक पत्थर खदान में गिरने से बुधवार को दो वर्षीय बालक की मौत हो गयी। घटना सुबह दस बजे के आसपास की बताई जा रही है। घटना के बाद खनन क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
बिल्ली में गतदिनों चालू हुई एक खदान के ऊपरी हिस्से में गिरे मलबे में पत्थर बीनने का कार्य कुछ मजदूर कर रहे हैं। उसी में किशन और उनकी पत्नी अनीता निवासी गढ़वा, झारखंड अपने दो वर्षीय पुत्र नीरज के साथ शामिल थे। पति-पत्नी पत्थर बीन रहे थे। इसी दौरान बालक नीरज खेलते-खेलते खदान के किनारे पहुंच गया। इससे पहले लोग उसे देखते वह खदान में गिर गया जिससे उसे गंभीर चोट आ गई। खदान से निकाल कर उसे तत्काल परियोजना चिकित्सालय ले जाया गया। जहां से चिकित्सकों ने उसे चोपन के लिए रेफर कर दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मां अनीता ने बताया कि पति-पत्नी खदान के पास पत्थर बीनने का काम करते हैं। इस कारण वह अपने बच्चे को साथ ही ले जाते हैं। जब पत्थर बिन रहे थे तो बच्चा पास में ही खेल रहा था। खेलते-खेलते न जाने कब अचानक खदान के किनारे पहुंच गया और गिर गया। बड़े पैमाने पर होता है पत्थर बीनने का काम
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में व्याप्त बंदी की वजह से गत एक वर्ष में ही 20 हजार से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। काम की कमी की वजह से हजारों मजदूर खनन क्षेत्र में फैले मलबे में पत्थर बीनने का कार्य करते हैं। अक्सर खदानों से निकलने वाले मलबे को खदानों के आसपास ही डंप कर दिया जाता है। दिनभर में मजदूर ट्रैक्टर की एक ट्राली पत्थर मलबे से एकत्रित कर लेते हैं। इससे उन्हें एक हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है। आमतौर पर यह कार्य खदानों में कार्य करने से ज्यादा सुरक्षित माना जाता रहा है ।