लापरवाही से सड़क पर चलना हर तरह से खतरनाक
बीते माह की आखिरी तारीख को राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के गौरी गांव निवासी श्याम सुंदर की पत्नी मिट्टी लेने कहीं जा रही थीं। उनके साथ उनका छह साल का बेटा भी था। कठपुरवा के पास वह तो सड़क पार कर गईं लेकिन बच्चे को इसी तरफ छोड़ दीं। थोड़ी देर के बाद बालक भी उसी तरफ जाने लगा। तभी बोलेरो की चपेट में आकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इसी तरह की घटना घोरावल कोतवाली क्षेत्र में भी बीते साल हुई थी।
जासं, सोनभद्र : अक्टूबर माह की आखिरी तारीख को राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के गौरी गांव निवासी श्याम सुंदर की पत्नी मिट्टी लेने कहीं जा रही थीं। उनके साथ उनका छह साल का बेटा भी था। क्षेत्र के कठपुरवा गांव के पास वह तो सड़क पार कर गईं लेकिन बच्चे को इसी तरफ छोड़ दी। थोड़ी देर के बाद बालक भी उसी तरफ जाने लगा। तभी बोलेरो की चपेट में आकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इसी तरह की घटना घोरावल कोतवाली क्षेत्र में भी गतवर्ष हुई थी।
..ये घटनाएं गवाह हैं कि लापरवाही पूर्वक सड़क पर चलना या पार करना कितना खतरनाक होता है, खासकर बच्चों के लिए। 14 साल से कम उम्र के बच्चों में मानसिक संयोजक और सटीक निर्णय की क्षमता कम होती है। इसलिए इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं। यातायात नियमों के जानकार लोग बताते हैं कि अगर वाहन संभल कर चला जाए और नियमों का पालन किया जाए तो दुर्घटनाएं न हों। 14 साल से कम उम्र के बच्चों को अकेले सड़क पार नहीं करने देना चाहिए अगर वे पार भी कर रहे हैं तो नियमों की जानकारी उन्हें जरूर दे दें। उन्हें बताएं कि सड़क पर बाएं चलना चाहिए, चट्टी-चौराहों पर मुड़ते समय वाहन देखकर सावधानीपूर्वक ही पार हों। कभी भी बीच सड़क से न चलें बच्चों के मन में होता है भटकाव
सड़क पार करते समय बच्चों का मन भटकता है। इसलिए उनके साथ ज्यादा घटनाएं होती हैं अगर 14 साल से कम उम्र के बच्चों को यातायात नियमों की पूरी जानकारी दे दें तो वे भी समझदार हो जाएंगे। सड़क पार करते समय सावधानी बरतेंगे। सड़क को सुरक्षित पार करने के लिए मानसिक संयोजक और सटीक निर्णय की क्षमता का विकास होना जरूरी है। बच्चों में इसकी कमी दिखती है। कई बार होता यह है कि जब बच्चे सड़क को पार कर रहे होते हैं तो उनके मन में स्कूल की क्लास, घर का खाना, खेल का मैदान आदि होता है। इतना ही नहीं आकर्षक वस्तु दिखने पर उनकी नजर उधर ही चली जाती है। वह भूल जाते हैं कि वह सड़क पार कर रहे हैं अगर बच्चे को किताब में यातायात नियमों के बारे में पढ़ाने के साथ अभ्यास कराएं तो बच्चे इसमें मजबूत होंगे। उनका मानसिक संयोजक और सटीक निर्णय की क्षमता विकसित होगी।
-टीएन गुप्ता, शिक्षक- मनोविज्ञान।