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कोर्ट ने ऐश डैम टूटने के मामले में जारी किया नोटिस

एनटीपीसी के ऐश डैम टूटने के मामले में दायर की गयी याचिका में सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार किया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आगामी तिथि तय करते हुए परियोजना समेत 11 विभागों को नोटिस जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 06:18 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 06:18 PM (IST)
कोर्ट ने ऐश डैम टूटने के मामले में जारी किया नोटिस
कोर्ट ने ऐश डैम टूटने के मामले में जारी किया नोटिस

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : एनटीपीसी के ऐश डैम टूटने के मामले में दायर की गयी याचिका में सर्वोच्च न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार किया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आगामी तिथि तय करते हुए परियोजना समेत 11 विभागों को नोटिस जारी किया है। याचि कर्ता अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने कहा कि न्यायालय ने एनटीपीसी को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। न्यायालय का कहना है कि रिहंद डैम की सफाई करायी जाए। उसका खर्च कंपनी वहन करे। न्यायालय ने नोटिस जारी कर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मध्य प्रदेश, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश, दोनो प्रांतों के सिचाई विभाग, जल स्त्रोत मंत्रालय समेत 11 विभागों को पक्ष रखने को कहा गया है। न्यायालय में अगली सुनवाई की तिथि 20 नवंबर को निर्धारित की गयी है। विदित हो कि अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने छह अक्टूबर को एनटीपीसी के ऐश डैम टूटने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पर्यावरण को क्षति होने से अवगत कराया था। याचिका में कहा गया था कि डैम टूटने से पानी के साथ 35 लाख मैट्रिक टन रसायन युक्त राख रिहंद डैम में चला गया है। जिससे डैम का पानी काफी प्रदूषित हुआ है। डैम का पानी इस क्षेत्र में सिचाई व पेयजल के उपयोग में किया जाता है। इसकी सफाई कराना आवश्यक है। न्यायालय ने इन्हीं बिन्दुओं के मद्देनजर नोटिस जारी कर संबंधितो को 20 नवंबर को अपना पक्ष रखने को कहा है। प्रदूषण बोर्ड का आंकड़ा दस करोड़

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ऐश डैम टूटने के मामले में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दस करोड़ रुपए की पर्यावरण क्षति होने का आंकलन किया है। बोर्ड द्वारा परियोजना पर इस आंकलन राशि का जुर्माना भी लगाया है।


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