विद्युत बिल में त्रुटि से उपभोक्ताओं की फजीहत
जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) सरकार की अदूरदर्शी नीतियों से उत्पादन निगम में समस्याएं बढ़त
जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र): सरकार की अदूरदर्शी नीतियों से उत्पादन निगम में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। बिलिग में व्याप्त तमाम अनियमितताओं से उपभोक्ता परेशान हैं। प्रदेश में सबसे सस्ती बिजली उत्पादन निगम से ही मिल रही है। उक्त उद्गार मंगलवार को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के अध्यक्ष जीबी पटेल ने अनपरा अतिथि गृह में प्रेसवार्ता के दौरान व्यक्त किए।
अध्यक्ष ने कहा कि सही एवं समय पर उपभोक्ताओं को बिजली का बिल मुहैया कराया जाए तो 60 फीसद भुगतान स्वयं हो जाएगा। उत्पादन निगम की ओर से औसत तीन रुपये 64 पैसे की लागत से बिजली उत्पादन कर अन्य निजी कंपनियों से काफी आगे है। सरकार की गलत नीतियों के कारण सबसे सस्ती बिजली देने वाली परियोजनाओं का भुगतान समय से नहीं किया जाता है। जबकि महंगी बिजली देने वाली परियोजनाओं का भुगतान समय से किया जाता है। बिलिग की त्रुटि आए दिन सभी वर्गों में कायम है। फिर भी बिलिग एजेंसी पर कटौती या आवश्यक कार्रवाई नहीं की जाती है। सबसे बेहतर व सस्ती बिजली देने वाली परियोजनाओं की समय से ओवर हालिग, स्पेयर्स आपूर्ति एवं भुगतान की व्यवस्था में सुधार किए बगैर सस्ती बिजली का उत्पादन नहीं किया जा सकता।
सरकार की ओर से घोषित एकमुश्त समाधान योजना के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों को दूर कर पाने में असफल कारपोरेशन प्रबंधन इसका ठिकरा विद्युत कर्मियों पर फोड़कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। ओटीएस योजना 31 मार्च तक बढ़ाई गई है। इसका अभियंताओं ने व्यापक प्रचार-प्रसार कर लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को प्रेरित किया लेकिन एम-पावर पोर्टल के कार्य समय पर नहीं करने से उपभोक्ता विभाग को कोसते हुए अपने घरों को लौट जा रहे हैं।
ओटीएस के अव्यवहारिक लक्ष्य दिए गए हैं। कैश काउंटर की कमी है। सौभाग्य योजना के तहत एजेंसियों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ व्यापक अनियमितता बरती गई है। जिसकी जलालत विद्युत कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है। इस दौरान अनपरा जेई संगठन के तमाम पदाधिकारी उपस्थित रहे।