कोल परियोजनाओं में हड़ताल का रहा मिलाजुला असर
- सड़क मार्ग से कोल परिवहन को प्रभावित करने का किया गया प्रयास जासं, अनपरा/बीना (सोनभद्र) : श्रम महासंघों द्वारा कोयला उद्योग में प्रस्तावित दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर बुधवार को एनसीएल की सभी परियोजनाओं के मुख्य द्वार के समक्ष हड़ताली कर्मियों ने केन्द्र सरकार व प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। कोल डिस्पैच को प्रभावित करने का भरपूर प्रयास किया गया। लेकिन कोल श्रमिकों की उदासीनता व प्रबंधक की सुनियोजित चाल के आगे श्रम संगठनों के मंसूबों पर पानी फिर गया। एनसीएल में हड़ताल का मिलाजुला असर रहा।
जासं, अनपरा/बीना : श्रमिक संघों द्वारा कोयला उद्योग में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर बुधवार को एनसीएल की सभी परियोजनाओं के मुख्य द्वार पर हड़ताली कर्मियों ने केंद्र सरकार व प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। कोल डिस्पैच को प्रभावित करने का भरपूर प्रयास किया गया। एनसीएल में हड़ताल का मिलाजुला असर रहा।
एनसीएल में हड़ताल में एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस शामिल रहा। संगठन के पदाधिकारी कुछ सहयोगियों के साथ हड़ताल को सफल बनाने में हरसंभव प्रयास किए। संगठन के क्षेत्रीय पदाधिकारी ओपी मालवीय, अशोक दुबे, पीएस पांडेय, अशोक कुमार पांडेय आदि ने कोल परियोजनाओं का भ्रमण कर कर्मियों का उत्साहवर्द्धन करते रहे। हड़ताल में शामिल यूनियन के कुछ श्रमिकों द्वारा ड्यूटी किए जाने से प्रबंधन को काफी राहत मिली। बीएमएस संगठन पहले से ही इस हड़ताल से बाहर रहा है। बुधवार की सुबह हड़ताली कर्मियों ने कोल डिस्पैच को प्रभावित किया लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया प्रबंधन कोल डिस्पैच व उत्पादन पूर्ण करने में लग गया। खड़िया परियोजना में रेलमार्ग से कोल परिवहन जारी रहा। इस दौरान बैरियर पर मांगों के समर्थन में आंदलोनकारियों ने आवाज बुलंद की। दुद्धीचुआ परियोजना में ड्यूटी बस को रोक दिया गया। क्षमता के अनुरूप हुआ प्रेषण व उत्पादन
बीना परियोजना के महाप्रबंधक राजेंद्र राय के निर्देशन में हड़ताल के दौरान लक्ष्य के मुताबिक कोयला उत्पादन व प्रेषण का कार्य हुआ। कोल डिस्पैच अधिकारी एसएन त्रिपाठी, विवेक त्रिपाठी एवं कार्मिक विभाग के पीके दुबे, मो.शहवाज, डीके ¨सह समेत सभी विभागाध्यक्ष कोयला उत्पादन व प्रेषण में तत्परता से लगे रहे। मंगलवार एवं बुधवार को रेल व सड़क माध्यम से लगभग बीस हजार टन कोयले का प्रेषण किया गया। जबरन हड़ताल थोपने का आरोप
बीएमएस के महामंत्री अरुण कुमार दुबे ने कहा कि कोल श्रमिकों की समस्याओं से अलग इस राजनीतिक हड़ताल को श्रमिकों ने नकार दिया। हड़ताल विफल होने पर महज डिस्पैच प्रभावित करने का प्रयास किया गया। खड़िया परियोजना में प्रबंधन की उदासीनता से पानी सप्लाई बाधित की गई। मुख्यालय द्वारा हस्तक्षेप किए जाने पर पानी की आपूर्ति की गई। इंटक के आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि एनसीएल में यह दो दिवसीय हड़ताल पूर्णतया विफल रही।