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कोल इंडिया प्रमुख ने हड़ताल को लेकर जारी की अपील

कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने हड़ताल को लेकर अपील जारी की है। कहा है कि विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संघो व फेडरेशनों द्वारा सीआईएल के विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 08:12 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:08 AM (IST)
कोल इंडिया प्रमुख ने हड़ताल को लेकर जारी की अपील
कोल इंडिया प्रमुख ने हड़ताल को लेकर जारी की अपील

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक प्रमोद अग्रवाल ने हड़ताल को लेकर अपील जारी की है। कहा है कि विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संघों व फेडरेशनों द्वारा सीआइएल के विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसके नोटिस को औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों के अनुसार मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) नई दिल्ली, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया है। इसके समाधान के लिए डिप्टी सीएलसी (सी) कोलकाता को संदर्भित किया गया है।

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कहा कि हड़ताल की मागें मुख्य रूप से सरकार के नीतिगत निर्णयों से संबंधित है। सभी को ज्ञात है कि सीआईएल को आवंटित किसी भी कोल ब्लाक को नीलाम नहीं किया जाएगा। वर्तमान में सीआईएल के पास 463 कोल ब्लाक हैं जो निकट भविष्य में तापीय कोयले की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। अन्य 329 परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिनमें वाशरी, सीबीएम, कोयला गैसीकरण, सौर ऊर्जा, सीएचपी आदि शामिल हैं। सीआइएल का लक्ष्य वर्ष 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। जहां तक हमारी कंपनी से संबंधित मांगों का संबंध है, यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें द्विपक्षीय मुद्दों को कंपनी के विभिन्न मंचों पर नियमित संवाद व बैठक आदि के माध्यम से हल किया जाता है। कोयला श्रमिकों के काम करने और रहने की स्थिति में सुधार के मुद्दों को हल करने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं। महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान भी सभी के प्रयासों से उत्पादन और प्रेषण पूरी गति से जारी रहा। किसी भी ठहराव से हमारे उन सामूहिक प्रयासों को खतरा होगा जो हमने अब तक की आवश्यकता के साथ वार्षिक लक्ष्य और आयात प्रतिस्थापन के लिए पूरा किया है। जो राष्ट्र की मूल्यवान विदेशी मुद्रा भंडार का दोहन कर रहा है। इसलिए कोई भी व्यवधान एक प्रतिगामी कदम होगा।

कोयला देश की ऊर्जा जरूरतों की जीवन रेखा है। औद्योगिक विवाद अधिनियम कोयला उद्योग को सार्वजनिक उपयोगिता सेवा के रूप में घोषित किया गया है। कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी अनुषंगी कंपनियों में कोई भी हड़ताल अवैध होगी। और यह अधिनियमों एवं सीआइएल और अनुषंगी कंपनियों के प्रमाणित स्थायी आदेशों के तहत काम नहीं तो वेतन नहीं समेत अन्य दंडात्मक कार्रवाइयों के योग्य होगा। उन्होंने सभी से पुनर्विचार कर हड़ताल के अपने नोटिस को वापस लेने का आग्रह किया।


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