सीएमएस के फरमान से बढ़ी लोगों में नाराजगी
जासं सोनभद्र जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के एक फरमान से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों में नाराजगी है। सीएमएस ने जिला अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित एसआइवी जांच केंद्र किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक व चर्म रोग विशेषज्ञ कक्ष को द्वितीय तल पर ले जाने का फरमान सुनाया है। स्वास्थ्य कर्मी इसे सीएमएस का तुगलकी फरमान करार दे रहे हैं।
जासं, सोनभद्र : जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के एक फरमान से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों में नाराजगी है। सीएमएस ने जिला अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित एसआइवी जांच केंद्र, किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक व चर्म रोग विशेषज्ञ कक्ष को द्वितीय तल पर ले जाने का फरमान सुनाया है। स्वास्थ्य कर्मी इसे सीएमएस का तुगलकी फरमान करार दे रहे हैं।
जिला अस्पताल के प्रथम तल पर एचआइवी जांच केंद्र के अलावा किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक का संचालन कई वर्षों से होता रहा है लेकिन, दो दिन पूर्व सीएमएस ने प्रथम तल पर स्थिति कई जांच केंद्रों व चिकित्सकों के कक्ष को द्वितीय तल पर ले जाने का निर्देश दिया। एचआइवी जांच केंद्र के कई सामान भी आनन-फानन में द्वितीय तल के एक कक्ष में पहुंचा दिया गया। स्वास्थ्य कर्मियों की दलील है कि एचआइवी जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को जांच केंद्र तक आना होता है। प्रतिदिन इस जांच केंद्र में लगभग 60 लोगों की जांच होती है, जिसमें गर्भवती महिलाओं के अलावा बुजुर्ग, विकलांग व्यक्ति शामिल होते हैं। इतना ही नहीं किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक में भी प्रतिदिन 10-12 लोग काउंसलिग के लिए आते हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ कक्ष के सामने हर दिन 50 से अधिक लोगों की लाइन लगी रहती है, जिसमें तमाम ऐसे लोग आते है जो सीढि़यां चढ़ नहीं सकते। ऐसे हालात में इन जांच केंद्रों व चिकित्सकों के कक्ष को द्वितीय तल पर ले जाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता है।