सोनभद्र में छठ पूजा : अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य, नदियां और सरोवरों का किनारा झिलमिल रोशनी से नहाया
सोनभद्र में सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ के दिन रविवार को सोनांचल में हर तरफ जलाशयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सभी में छठी मइया के पूजन के प्रति दिखता उत्साह दूसरों को भी श्रद्धा से नतमस्तक करता रहा।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ के दिन रविवार को सोनांचल में हर तरफ जलाशयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सभी में छठी मइया के पूजन के प्रति दिखता उत्साह दूसरों को भी श्रद्धा से नतमस्तक करता रहा। शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने 12 घंटे की अनवरत आराधना की शुरुआत की। इसी के साथ पूजा घाट दुधिया रोशनी से जगमगा उठे। सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर छठ घाटों पर जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई थी।
लोक आस्था के महापर्व डाला छठ पर रविवार को ढाई बजे ही व्रती व घर के सदस्यों के कदम छठ घाट की तरफ से बढ़ने लगे थे। यह क्रम चार बजे तक चलता रहा। पर्व को लेकर लोगों में घाटों पर गजब का उत्साह दिखाई दे रहा था। शाम होते ही कांच ही बांस की बहंगिया.. बहंगी लचकत जाए..., हे छठी मइया..., हे सूरज देव मंशा पुरवा न हमार... जैसे छठ गीतों से जनपद का कोना-कोना गूंजने लगा। मन्नत पूरी होने पर तमाम श्रद्धालु लेटकर घाटों पर पहुंचे।
परिवार के अन्य सदस्य पीछे-पीछे पूजन सामग्रियों को लेकर छठ गीत गाते हुए चल रहे थे। घाटों पर पहुंचकर पूर्व निर्धारित स्थानों पर पूजन सामग्री रख व्रतियों ने जलाशयों में स्नान किया और पुत्र प्राप्ति, सुख-समृद्धि, रोग मुक्ति आदि की कामना करते हुए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर पूरी रात छठ मइया के कठिन आराधना की शुरुआत की। व्रतियों संग परिवार के अधिकांश सदस्य छठ घाट पर ही जमे रहकर सूर्योपासना की आस्था में डुबकी लगाते रहे। हालात नियंत्रित रखने के लिए व्यस्त इलाके में स्थित पूजा घाटों से जुड़े रास्तों पर आवागमन प्रतिबंधित कर, इससे जुड़े चट्टी-चौराहों पर ट्रैफिक की व्यवस्था दुरुस्त रही। जगह-जगह पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।
भगवान भाष्कर एवं छठी मईया के कठिन उपासना एवं लोक आस्था के पर्व छठ के अवसर पर रविवार को भारी संख्या में महिला एवं पुरुष व्रतधारियों ने अस्तगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य देकर घर-परिवार एवं समाज की मंगल कामना की। उपासकों का रेला नगर के शिवाजी तालाब, लौवा नदी घाट बीड़र, धनौरा लकड़ाबंधा, मल्देवा, खजुरी शिव मंदिर, दिघुल ठेमा नदी, अमवार कनहर तट समेत अन्य घाटों पर पहुंचना शुरू हो गया। घाटों पर बेदी बनाकर स्थान ग्रहण करने के बाद व्रती महिलाओं-पुरुषों ने भगवान भाष्कर के अस्त होने के कुछ समय पूर्व से ही तालाब में स्नान ध्यान कर, आराध्य देव की उपासना में जुट गयीं।
न्यूयार्क से छठ पूजा में शामिल होने के लिए आया दंपति
दुद्धी : हिन्दू पर्व को लेकर भारतीयों का दल सात समुंदर पार भी डंका बजाने में लगे हुए है। यह बात न्यूयार्क से विशेष रूप से छठ पूजा के लिए आये दुद्धी निवासी राजेश अग्रहरि अपनी पत्नी व मां के साथ शिवाजी तालाब पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि भारतीय पर्वो को लेकर सात समुंदर पार एक अलग धारणा बनी हुई है। विदेशी भी बड़े ही आस्था व श्रद्धाभाव से हम भारतीयों को बधाई व शुभकामना देते है। उन्होंने बताया कि दशहरा, दिवाली व छठ पूजा के लिये विशेष रूप से छुट्टी लेकर आए हैं। पूरे परिवार के साथ वे त्योहार मनाने में जुटे हुए हैं। इससे उन्हें असीम शांति व ऊर्जा महसूस होती है।
घर से निकले नंगे पांव
छठी मइया पर आस्था ऐसी होती है कि व्रती व उसके परिवार के सदस्य घाटों पर नंगे पांव पहुंचकर पूजन-अर्चन करते हैं। घाट चाहे कितना भी दूर क्यों न हो लेकिन, वह पैदल व नंगे पांव ही छठ घाटों जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
बाजारों में लगता रहा जाम
लोक आस्था के महापर्व सूर्योपासना को लेकर बाजारों में खरीदारी के लिए उमड़ने वाली भीड़ को लेकर जाम लग जा रहा था। सड़कों पर फल, सूपा, गन्ना आदि की दुकान लगा देने से जाम की समस्या खड़ी हो जा रही थी। इससे लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।