अपने-अपने घर में रहकर हम भगाएंगे कोरोना
अपने-अपने घर में रहकर हम भगाएंगे कोरोना
कॉमन इंट्रो--
वैश्विक महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस को मात देने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से घर के बाहर नहीं निकल सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम जन से इस लॉकआउट को सफल बनाने की अपील किया है। ऐसे में कइयों ने अपनी दिनचर्या बदल ली है। कोई बच्चों के साथ समय बिता रहा है तो कोई अपनी खेती को समय दे रहा है। नगवां के ब्लाक प्रमुख व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक ने भी लॉकआउट का पालन करने के लिए सम्पूर्ण दिन के कार्यों को घर के अंदर ही समेट लिया है।
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अब खेती को पूरा समय
नगवां ब्लाक के प्रमुख प्रवीण सिंह अपने मेहुड़ी गांव में रहते हैं। इन दिनों खेत में लगी फसल पककर तैयार है। फिर भी प्रवीण सिंह ने प्रधानमंत्री की अपील को मजबूती दे रहे हैं। कहते हैं कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिन के लिए लॉकडाउन को स्वीकार करें। सरकार के कदम का पालन करते हुए सभी काम छोड़कर घर के अंदर रहें। प्रवीण इन दिनों खेती को समय दे रहे हैं। किताब, अखबार, पत्रिका पढ़कर व परिवार के लोगों के साथ बातचीत करके घर में ही बिता रहें है। रिश्तेदार सहित शुभचितकों के आने वाले फोन पर भी प्रवीण कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी को घर में रहने की अपील करते हैं। क्योंकि जान है तो जहान है।
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घर में रहें, क्योंकि जान है तो जहान है
राष्ट्रीय व राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर 69 वर्षों तक बेसिक शिक्षा विभाग में सेवा पूर्ण करने वाले ऊंचडीह निवासी ओम प्रकाश त्रिपाठी लॉकडाउन का पालन करते हैं। कहते हैं जान है तो जहान है। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की अवधि मैं घर में ही सार्थक कार्यो में बिता रहा हूं। क्योंकि इस दौरान मुझे परिवार में रहने तथा अपने 69 वर्ष की उम्र में अपने लान में फूल पत्तियों की निराई-गुड़ाई करने, पर्याप्त कीर्तन-भजन करने, रचनाएं लिखने का अवसर मिल रहा है। भागवत, पुराण भी पढ़ने का मौका मिल जा रहा है। जो किताबें आधी-अधूरी लिखी पड़ी हैं पूर्ण हो जाएंगी। कहते हैं लॉकडाउन में सभी सहयोग करें, ताकि कोरोना को भगाया जा सके।