टूटी नहर व माइनरों से किसानों को परेशानी
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जागरण संवाददाता, रामगढ़ (सोनभद्र): चतरा ब्लाक क्षेत्र में नहरों का जाल भले हो लेकिन हालात ठीक नहीं हैं। नहर व माइनर टूट गए हैं। और किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। कुछ जगहों पर तो टेल तक पानी ही नहीं पहुंचता। ऐसे में आरोप है कि सफाई व मरम्मत के नाम पर आने वाले धन का बंदरबांट हो रहा है।
चतरा क्षेत्र के रामगढ़-दुबौलिया संपर्क मार्ग के बीच मझिगावां व रईयां मिश्र की सीमा पर दो मुहां पुल के उत्तर तरफ की सुरक्षा दीवार लगभग छह वर्ष से टूटी है। कूड़ा राजवाहा जो चरकोनवां गांव से निकली है। गांव के उत्तर दिशा की पूरब पटरी के पास बने झाल से पानी बराबर किसानों के खेतों में बहता रहता है। किसानों ने बताया कि विभाग द्वारा जो ह्यूम पाइप लगाकर मिट्टी से भरा गया था वह पानी के दबाव से बार-बार मिट्टी बह जा रही है। कटान की ही देन है कि बगल के काश्तकार की खेती नहीं हो पाती है।
किसानों ने कहा कि सेमरिया माइनर हेड से लगभग दो सौ मीटर आगे जाने पर एक फीट का कुलावा विभाग द्वारा लगाया गया है। जबकि एक फीट का कुलावा लगाने का कोई प्रविधान नहीं है। एक फीट का कुलावा लगाने से सेमरिया माइनर का पानी आगे नहीं बढ़ पाता है। इससे आगे पड़ने वाले किसानों को खेतों की सिचाई के लिए परेशान होना पड़ता है। किसान अशोक चौबे, हेमेन्द्र चौबे, विनोद मिश्रा, रामनिरंजन शर्मा, मनोज मौर्या ने नहरों की मरम्मत कराने की मांग की है।
शासन से जो भी पैसा मिलता है, उसी के अनुसार काम कराया जाता है। विभाग में अपने यहां कुछ कर्मचारियों की भी कमी है, इसके चलते थोड़ा बहुत दिक्कत आती है। जहां कहीं भी नहरों के टूटने की शिकायत मिलती है उसकी मरम्मत कराई जाती है।
-वैभव सिंह, एक्सईएन, मीरजापुर नहर प्रखंड।