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निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों का प्रदर्शन

केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बिजली के निजीकरण की ²ष्टि से इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में किये जा रहे संशोधनों के विरोध एवं अन्य ज्वलंत समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर एवं अभियंता आठ जनवरी को एक दिन का कार्य बहिष्कार करेगें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 06:32 PM (IST)
निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों का प्रदर्शन
निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों का प्रदर्शन

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बिजली के निजीकरण की ²ष्टि से इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में किये जा रहे संशोधनों के विरोध एवं अन्य ज्वलंत समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर एवं अभियंता आठ जनवरी को एक दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की कोर कमेटी की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने प्रमुख मांगों के संदर्भ में कहा कि बिजली निगमों का एकीकरण कर केरल व हिमाचल प्रदेश की भांति उप्रराविप लिमिटेड का पुनर्गठन किया जाय, बिजली के निजीकरण की ²ष्टि से इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में किये जाने वाले सभी संशोधन वापस लिया जाय। विद्युत परिषद के विघटन के बाद बिजली निगमों में भर्ती हुए सभी कर्मचारियों व अभियंताओं के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाय। श्रम कानूनों में किये जा रहे सभी संशोधन वापस लिया जाय। आगरा का विद्युत वितरण फ्रेंचाईजी करार व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाय। सरकारी क्षेत्र के बिजली उत्पादन गृहों का नवीनीकरण, उच्चीकरण किया जाये। निजी घरानों से महंगी बिजली खरीद के लिए सरकारी बिजली घरों को बंद करने की नीति समाप्त की जाय। बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियों का तत्काल निराकरण किया जाय। सभी श्रेणी के समस्त रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जाय। बिजली कर्मचारी सुरक्षा अधिनियम शीघ्र बनाया जाय।

संघर्ष समिति की लखनऊ में हुई बैठक में कहा गया कि विद्युत परिषद के विघटन व निजीकरण की नीति से हुई विफलताओं से सबक लेने के बजाय सरकार निजीकरण करने हेतु इलेक्ट्रिसिटी एक्ट बिल आगामी बजट सत्र में संशोधन करने पर आमादा है, जिसमें बिजली आपूर्ति कई निजी कंपनियों को देने की व्यवस्था है। यदि यह बिल पारित हो गया तो बिजली आपूर्ति करने वाली निजी कंपनियां मुनाफे वाले बड़े उपभोक्ताओं को बिजली बिक्री कर भारी मुनाफा कमाएंगी।

सरकारी क्षेत्र की बिजली आपूर्ति कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों, किसानों, गरीबों और आम उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति कर केवल घाटे में रहेगी। क्रास सब्सिडी खत्म हो जाने से आम उपभोक्ताओं का टैरिफ बढ़ेगा। अनपरा परियोजना अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव रोहित राय ने समिति के निर्णयों की सराहना करते हुए आठ जनवरी की प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने का आग्रह किया है।


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