निजीकरण के विरुद्ध विद्युतकर्मियों का कार्य बहिष्कार
केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बिजली के निजीकरण की ²ष्टि से इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में किये जा रहे प्रतिगामी संशोधनों के विरोध में तथा अन्य ज्वलंत समस्याओं को लेकर सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विधुतकर्मी वुधवार को देश के 15 लाख बिजली कर्मचारियों के साथ एक दिन का कार्य बहिष्कार करेगें।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा बिजली के निजीकरण की दृष्टि से इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में किये जा रहे प्रतिगामी संशोधनों के विरोध में तथा अन्य ज्वलंत समस्याओं को लेकर सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विद्युतकर्मी बुधवार को देश के 15 लाख बिजली कर्मचारियों के साथ एक दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, ओबरा से जुड़े विभिन्न संगठनों ने इस सम्बन्ध में बैठक कर कार्य बहिष्कार कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति बनाई।
नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर आन्दोलन को लेकर बुधवार को विरोध सभा हुई। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निजी घरानों के घोटाले से बैंकों का ढाई लाख करोड़ रुपये पहले ही फंसा हुआ है फिर भी निजी घरानों पर कोई कठोर कार्यवाही करने के बजाय केंद्र सरकार नए बिल के जरिये बिजली आपूर्ति निजी घरानों को सौंप कर और बड़े घोटाले की तैयारी कर रही है। समिति ने यह भी ऐलान किया है कि यदि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन करने के लिए आर्डिनेंस जारी करने की कोशिश हुई तो बिना और कोई नोटिस दिए देश भर के बिजली कर्मचारी व इंजीनियर उसी समय लाइटनिग हड़ताल पर चले जाएंगे। कहा कि कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली कर्मचारी कोई कार्य नहीं करेंगे और कोई फाल्ट होने पर उसे एक दिन बाद ही अटेंड किया जाएगा।
कहा कि संशोधन पारित हो गया तो सब्सिडी और क्रास सब्सिडी तीन साल में समाप्त हो जाएगी। इसका सीधा अर्थ है कि किसानों और आम उपभोक्ताओं की बिजली महंगी हो जाएगी। जबकि उद्योगों व व्यावसायिक संस्थानों की बिजली दरों में कमी की जाएगी। संशोधन के अनुसार हर उपभोक्ता को बिजली लागत का पूरा मूल्य देना होगा, जिसके अनुसार बिजली की दरें 10 से 12 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी।
इसमें अदालत वर्मा, हरदेव नारायण तिवारी, अभय सिंह, शाहिद अख्तर, अंबुज सिंह, सुरेंद्र कुमार, बीडी तिवारी, मनीष कुमार श्रीवास्तव, विजय सिंह, पशुपतिनाथ विश्वकर्मा, योगेंद्र प्रसाद, राजबहोर पटेल, विध्याचल, सत्य प्रकाश सिंह, दीपक सिंह, उमेश सिंह आदि थे।