घोरावल में कई सरकारी तालाबों से ¨सचाई पर रोक
जिले में बुंदेलखंड की तरह पानी का संकट न उत्पन्न होने पाए, गर्मी के दिनों में भी इंसान व पशु-पक्षियों को आसानी से पेयजल मुहैया हो इसके लिए जिला प्रशासन ने अभी से जल संरक्षण करना शुरू कर दिया है। तेजी से गिरते भू-गर्भ जलस्तर को संभालने के लिए घोरावल ब्लाक में कई सरकारी तालाबों से ¨सचाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह पानी मवेशियों के लिए सुरक्षित किया गया है। सरकारी तालाबों के पानी से ¨सचाई पर रोक लगने से इस ब्लाक की करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित होने का अनुमान है।
जासं, घोरावल(सोनभद्र): जिले में बुंदेलखंड की तरह पानी का संकट न उत्पन्न होने पाए, गर्मी के दिनों में भी इंसान व पशु-पक्षियों को आसानी से पेयजल मुहैया हो इसके लिए जिला प्रशासन ने अभी से जल संरक्षण करना शुरू कर दिया है। तेजी से गिरते भू-गर्भ जलस्तर को संभालने के लिए घोरावल ब्लाक में कई सरकारी तालाबों से ¨सचाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह पानी मवेशियों के लिए सुरक्षित किया गया है। सरकारी तालाबों के पानी से ¨सचाई पर रोक लगने से इस ब्लाक की करीब डेढ़ हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित होने का अनुमान है।
बीते वर्ष सूखा पड़ा और इस साल मानसून सत्र में सितंबर माह से ही बारिश बंद हो गई। इस वजह से भू-गर्भ जलस्तर तेजी से खिसक रहा है। जिले के अन्य ब्लाकों की तुलना में घोरावल ब्लाक की स्थिति ज्यादा खराब है। यहां हर साल 160 से 180 फीट तक भू-गर्भ जलस्तर पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में यहां के लोगों को जहां पेयजल के लिए परेशान होना पड़ता है वहीं पशु-पक्षियों के पानी का इंतजाम करना हर किसी के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इन समस्याओं को देखते हुए बीते दिनों जिला प्रशासन ने बैठक कर निर्णय लिया कि ब्लाक क्षेत्र में स्थित कई सरकारी तालाबों से ¨सचाई के लिए पानी नहीं निकाला जाएगा। निगरानी के लिए संबंधित तहसील के लेखपालों को लगाया गया है। ड्राई जोन में ब्लाक न पहुंचे इसलिए अभी से सतर्कता बरती जा रही है। ब्लाक क्षेत्र में ऐसे तालाबों से ¨सचाई के लिए पानी लेने पर रोक लगाई गई है जहां से पहले ¨सचाई कभी नहीं हुई। बता दें कि इस बार कुछ लोग पानी की कमी के कारण काफी दूर से पानी अपने खेत तक ले जाते हैं। इस ब्लाक में इसी समय भू-गर्भ जलस्तर कई स्थानों पर 110 फीट से नीचे जा चुका है।
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तेजी से खिसक रहा है जलस्तर
जिले में भू-गर्भ जलस्तर और जलाशयों का जलस्तर तेजी से खिसक रहा है। यही वजह है कि लबालब भरने के बावजूद नगवां औधरौल बांध से पानी देने पर ¨सचाई विभाग ने हाथ खड़ा कर दिया है। बीते दिनों ¨सचाई विभाग और मीरजापुर नहर प्रखंड के अधिशासी अभियंता ने विधिवत विज्ञप्ति जारी करके कहा कि बांध में पानी कम है। इसलिए ¨सचाई के लिए नहीं दिया जाएगा।
इन क्षेत्रों में तेजी से खिसक रहा जलस्तर
घोरावल ब्लाक में वैसे तो हर साल भू-गर्भ जलस्तर तेजी से खिसकता है। लेकिन इस बार ब्लाक क्षेत्र के सबसे बड़े तालाबों बर्दिया तालाब, कड़िया और पुरखास में करीब साठ फीसद पानी खत्म हो चुका है। इसके अलावा शिवद्वार क्षेत्र में भी कई तालाबों के सूखने की स्थिति आ गई है। विसुंधरी व घोरावल तालाब की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। घोरावल ब्लाक में ऐसे स्थान जहां कभी तालाब के पानी से ¨सचाई नहीं होती थी वहां नई परंपरा को शुरू नहीं करने दिया जाएगा। उन स्थानों पर सरकारी तालाब से पानी निकालने पर रोक लगायी गई है । साथ ही अगर तालाबों में पानी रहेगा तो जलस्तर भी ठीक रहेगा। जल संरक्षण सबको करना चाहिए। इसमें आमजन का सहयोग अपेक्षित है।
- सुनील कुमार वर्मा, सीडीओ