नक्सल क्षेत्र में उपचार की होगी बेहतर व्यवस्था
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : नक्सल प्रभावित जिलों में नागरिकों को अन्य बुनियादी समस्याओं के सा
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : नक्सल प्रभावित जिलों में नागरिकों को अन्य बुनियादी समस्याओं के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं की घोर कमी से दो-चार होना पड़ता है। समुचित चिकित्सा सुविधा के अभाव में विशेषकर महिलाओं व बच्चों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के नक्सल प्रभावित चंदौली, मीरजापुर व सोनभद्र जिले में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल पर 100 बेड वाले महिला चिकित्सालय के संचालन का निर्णय लिया गया है। इस कार्य हेतु शासन द्वारा वाराणसी के प्रसिद्ध हेरिटेज अस्पताल के साथ अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है। चंदौली में प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच गयी है। सूत्रों के अनुसार कुछ तकनीकी पहलुओं पर पेंच फंसा है। उम्मीद है कि शीघ्र ही इसे दूर कर चिकित्सालय का संचालन प्रारंभ कर लिया जायेगा।
क्या है पीपीपी माडल
पीपीपी माडल के तहत सरकार व निजी प्रतिष्ठानों की संयुक्त भागीदारी से कार्य किया जाता है। चिकित्सालयों के संचालन के मामले में चिकित्सालय भवन व दवाइयां सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएंगी, जबकि चिकित्सक व अन्य व्यवस्था निजी प्रतिष्ठान द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश में सरकारी चिकित्सकों की कमी को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में इसे लाभकारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
महिलाओं व बच्चों को मिलेगा लाभ
सरकार की इस पहल से महिलाओं व बच्चों को लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था सुविधा के अभाव में जहां बच्चे कुपोषण सहित विभिन्न बाल रोगों का शिकार हैं वहीं महिलाओं की सेहत भी स्तरीय नहीं है।
सोनभद्र में जल्द शुरू होगा कार्य
सोनभद्र के सीएमओ डा. एसपी ¨सह ने बताया कि हेरिटेज अस्पताल प्रबंधन से निरंतर संपर्क साधा जा रहा है। चंदौली के बाद शीघ्र ही जनपद में प्रक्रिया शुरू की जाएगी।