ओबरा सी के ऐश डैम के लिए शुरू हुई मिट्टी की जांच
निर्माणाधीन ओबरा सी के लिए प्रस्तावित ऐश डैम के निर्माण की तकनीकि कवायद शुरू हो गयी है।आरंभिक प्रक्रिया के तहत ऐश डैम के लिए मृदा परीक्षण शुरू कर दिया गया है।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : निर्माणाधीन ओबरा सी के लिए प्रस्तावित ऐश डैम के निर्माण की तकनीकी कवायद शुरू हो गई है। आरंभिक प्रक्रिया के तहत ऐश डैम के लिए मृदा परीक्षण शुरू कर दिया गया है। ऐश डैम के लिए चयनित पनारी टोले के गुरुड़ टोले के छह स्थानों से सैंपल एकत्रित किए गए हैं। वर्तमान में खेतों में फसलें खड़ी हैं। इस वजह से सभी जगहों से सैंपल नहीं लिया गया है। अप्रैल माह में जमीनों के खाली होने पर दर्जनों जगहों से सैंपल लिए जाएंगे। ओबरा सी के अधिशासी अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि मृदा परीक्षण के माध्यम से चयनित स्थान के मिट्टी की गुणवत्ता के साथ अंदुरुनी हिस्से की जानकारी एकत्रित की जाएगी। मृदा परीक्षण से डैम की गहराई के साथ कई महत्वपूर्ण पहलुओं को तय करने में सुविधा होगी। भूमि अधिग्रहण की कवायद चल रही है प्रक्रिया पूरी होने पर ऐश डैम के निर्माण में तेजी आएगी।
सैकड़ों बच्चे हैं अध्ययनरत
ओबरा सी के लिए गुरुड़ में प्रस्तावित ऐश डैम की जद में सैकड़ों ग्रामीणों के घर और खेत सहित प्राथमिक विद्यालय भी आ रहा है। प्राथमिक विद्यालय गुरुड़ में सैकड़ों बच्चे अध्ययनरत हैं। ओबरा सी के लिए पूर्व में रेणुका नदी के पूर्वी तटवर्ती हिस्से में बनने वाले ऐश पांड के निरस्त होने के बाद अब रेणुकापार के पनारी में ऐश डैम बनाने का प्रस्ताव है। एनजीटी के नदियों से 500 मीटर दूर ऐश डैम बनाने के नियम की वजह से पनारी के गुरुड़ टोले में नए ऐश डैम बनाने की प्रक्रिया चल रही है। गुरुड़ से सटे चकाड़ी में पहले से ओबरा तापीय परियोजना का ऐश डैम मौजूद है। 125 हेक्टेयर में बनने वाले डैम के लिए भूमि अधिग्रहण की कवायद चल रही है। इसमें वन विभाग, ग्राम समाज और ग्रामीणों की भूमि का प्रयोग किया जाएगा। इसमें ग्राम सभा के साथ वन विभाग की 39 हेक्टेयर,ग्रामीणों की 50 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि शामिल है।