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राख के बवंडर से पूरा क्षेत्र प्रभावित

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By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 04:23 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 04:23 PM (IST)
राख के बवंडर से पूरा क्षेत्र प्रभावित
राख के बवंडर से पूरा क्षेत्र प्रभावित

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : बुधवार शाम को ओबरा में आये आंधी तूफान के दौरान ओबरा परियोजना के चकाड़ी ऐश डैम से उठी राख के बवंडर ने ओबरा सहित आसपास के बड़े क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया। इसके कारण नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में भारी पैमाने पर राख गिरी। आंधी इतनी तेज थी कि हजारों की आबादी आंखें मीचने को मजबूर हो गई। लगभग एक घंटे चली आंधी के आगोश में आने से हजारों की आबादी हलकान रही। वैसे तो गर्मियों के मौसम में चकाड़ी ऐश डैम से राख उड़ने का सिलसिला परम्परा का हिस्सा है। लेकिन बुधवार को ऐश डैम से उड़े बवंडर ने सभी को आश्चर्य में डाल दिया।

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बुधवार शाम को आई आंधी के शुरुआत में चकाड़ी ऐश डैम की राख ने पहले चकाड़ी और कड़िया टोले को अपने आगोश में लिया। कुछ देर बाद यह बवंडर 300 फीट की उंचाई के साथ रेणुका नदी पार कर ओबरा कालोनी की ओर बढ़ गया। तेज गति के साथ बढ़े बवंडर ने कालोनी के सेक्टर तीन से प्रवेश करते हुए सभी सेक्टरों को अपने आगोश में ले लिया। यहां तक कि ओबरा-सी की निर्माणाधीन 200 मीटर ऊंची चिमनी भी दिखाई नहीं पड़ रही थी। हवा की गति ऐसी रही कि सेक्टर तीन स्थित पहाड़ी पर खड़ा होना मुश्किल हो रहा था। बवंडर के साथ आई राख के कारण 30 मीटर दूर तक दिखना बंद हो गया। कालोनी के बाद बवंडर ने डाला, खैरेटिया, बिल्ली, बर्दिया, सिन्दुरिया सहित चोपन तक अपना असर दिखाया। नागरिकों ने बताया कि आंधी पानी तो अक्सर आता है लेकिन इसके साथ राख के बवंडर आने से घंटे भर हर जगह राख ही राख दिखाई पड़ी। दरअसल, गर्मियों में ऐश डैम की उपरी परत लगातार उड़ती रहती है। जो अक्सर आसपास के टोलों तक जाती है लेकिन बुधवार शाम को आये चक्रवाती हवाओं ने उसे लगभग 80 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक पहुंचा दिया।


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